सीमा पर शांति लेकिन एलओसी पर 200 आतंकी दाखिल होने को तैयार
श्रीनगर। गुरुवार को 67वें आर्मी डे के मौके पर भारतीय सेना की ओर से एक अहम बयान जारी किया गया है। इस बयान से साफ है कि किस कदर पाकिस्तान घाटी में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए बेचैन है।
सेना के 16 कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल केएच सिंह ने बयान दिया है कि पिछले दो माह से सीमा पर हालात नियंत्रण में हैं लेकिन करीब 200 आतंकी तैयार बैठे हैं। यहां आपको बता दें कि जिस समय लेफ्टिनेंट जनरल यह बयान दे रहे कश्मीर के शोपियां में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी थी।
पीओके में आतंकी कैंप्स
उन्होंने सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग के बयान की तर्ज पर कहा कि पीओके में आतंकियों ने घुसपैठ के लिए सारा ढांचा तैयार कर लिया है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2014 में एलओसी पर शांति थी और घुसपैठ की 15 कोशिशों को सेना ने नाकाम किया। उन्होंने बताया कि पीर पंजाल इलाके में आतंकियों ने 14-15 कैंप तैयार कर लिए हैं। इन कैंप्स में करीब 200 आतंकी घुसपैठ की ताक में बैठे हैं।
युद्ध को तैयार सेना
वहीं दूसरी ओर आर्मी डे के मौके पर सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने भी सारे हालातों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हाल के दिन जो हालात देश में बने हैं और जो आतंकी हमले हुए हैं, उनसे साफ है कि सीमा के उस पार से आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। सेना प्रमुख सुहाग के मुताबिक सेना को जम्मू एंड कश्मीर में शांति कायम रखनी है। सेना का काम युद्ध और उसकी तैयारियों पर ध्यान देना है।
बड़े हमले की साजिश
सेना की मानें तो पीओके में इस समय 36 वॉर रूम बनाए गए हैं। यहां पर भारत में 26 जनवरी से पहले बड़े आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है। हो सकता है कि आतंकी पेशावर की तरह ही देश में स्कूलों को अपना निशाना बना लें। लेकिन उन्होंने यह भरोसा भी दिलाया कि सेना किसी भी तरह से उनकी साजिश को हरगिज अंजाम तक नहीं पहुंचने देगी।
दो माह से शांति लेकिन सेना मुस्तैद
लेफ्टिनेंट जनरल केएच सिंह ने पीर पंजाल के दक्षिण से सटी भारत और पाक की सीमा पर पिछले कम से कम दो माह से शांति का माहौल है। उन्होंने कहा है कि आतंकियों की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए सेना पूरी तरह से तैयार है और कोई भी हरकत होने पर मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा।
हालातों से जूझ रहा पाक
लेफ्टिनेंट जनरज केएच सिंह ने कहा कि फिलहाल पाकिस्तान अपनी ही सरजमीं पर मौजूद आतंकियों का सामना करने को मजबूर है। ऐसे में माहौल बिगड़ने की भी आशंका जताई गई है। लेकिन दुश्मन की ओर से किसी भी हरकत का उसे उसी समय जवाब दिया जा सके, इसके लिए सेना पूरी तरह से तैयार और मुस्तैद है।