बुरहान वानी की ग्रुप फोटो में मौजूद 11 में से आठ आतंकियों का सफाया कर चुकी इंडियन आर्मी
जून 2015 में बुरहान वानी ने फेसबुक पर रिलीज किया था एक ग्रुप फोटो जिसमें वानी और सबजार भट के साथ थे 11 आतंकी। अब इस फोटो में मौजूद आठ आतंकवादियों को सफाया कर चुकी है इंडियन आर्मी।
श्रीनगर। जून 2015 के आखिरी में हिजबुल मुजाहिद्दीन के मारे जा चुके कमांडर बुरहान वानी ने एक ग्रुप फोटो फेसबुक पर शेयर किया था। इस फोटोग्राफ में वानी को मिलाकर कुल 11 आतंकवादी थे जिसमें शनिवार को मारा गया कमांडर सबजार भट भी शामिल था। अब वानी की इस फोटो में से आठ आतंकियों को सेना ने मार गिराया है।
फेसबुक पर वायरल हुई थी फोटो
सभी आतंकी साउथ कश्मीर के रहने वाले थे। इस फोटोग्राफ ने आने के बाद से सुरक्षा एजेंसियों के बीच एक हलचल पैदा कर दी थी। इस फोटो का व्हाट्सएप से लेकर फेसबुक और ट्विटर तक पर शेयर किया जा रहा था और न्यूज चैनलों पर कई दिनों तक इस फोटो ने सुर्खियां बटोरी थीं। एक नजर डालिए कि कौन हैं वे आठ आतंकी जिन्हें दो वर्षों के अंदर आर्मी ने मार गिराया है।
बुरहान वानी
22 वर्ष का बुरहान वानी त्राल के शरीफाबाद का रहने वाला था। अक्टूबर 2010 में वह आतंकी संगठन का हिस्सा बना और उस समय उसकी उम्र सिर्फ 15 वर्ष थी। वर्ष 2010 में जब उसके भाई खालिद को सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में मार दिया था तब वानी आतंकी संगठन हिजबुल से जुड़ा था। वानी क्लास का टॉपर था और क्रिकेट में भी उसे महारत हासिल थी। वह त्राल के संपन्न परिवार से आता था। अपनी फोटो और वीडियोज के जरिए उसकी अच्छी खासी फैन फालोइंग थी। नौ जुलाई 2016 को उसे मार गिराया गया।
सबजार भट
26 वर्ष का सबजार बुरहान वानी के काफी करीब था और उसके बचपन का दोस्त था। सबजार त्राल के राठसुना का रहने वाला था। अप्रैल 2015 में वह हिजबुल का हिस्सा बना था। उसे महमूद गजनवी भी कहते थे और कुछ लोग उसे 'सब का डॉन' सबजार भी कहते थे। सबजार ने हिजबुल में शामिल होने का फैसला तब लिया जब उसकी गर्लफ्रेंड ने उससे शादी करने से इनकार कर दिया था। हिजबुल के मुखिया सैय्यद सलाउद्दीन ने खुद सबजार के नाम का ऐलान एक लोकल न्यूज एजेंसी केएनएस के जरिए किया था।
वसीम मल्ला
27 वर्ष का वसीम मल्ला उर्फ इनाम-उल-हक शोपियां के गांव फेलीपोरा का रहने वाला था। अक्टूबर 2012 में वह हिजबुल मुजाहिद्दीन का हिस्सा बना था। सात अप्रैल 2016 में उसे मार गिराया गया था। मल्ला को सुरक्षा एजेंसियों ने वानी और सबजार की तरह A++ कैटेगरी का आतंकी माना था। उसके पिता एक बगीचे के मालिक थे और वह बीए सेकेंड इयर का स्टूडेंट था। अप्रैल 2015 में शोपियां में तीन पुलिस कर्मियों की हत्या हुई थी और मल्ला इसका मास्टरमाइंड था। वर्ष 2010 में उसे पहली बार एक आईडी ब्लास्ट के सिलसिले में पहली बार गिरफ्तार किया गया था।
नसीर अहमद पंडित
29 वर्ष का नसीर अहमद पंडित पुलवाम के करीमाबाद का रहने वाला था। मार्च 2015 में वह संगठन का हिस्सा बना था। नसीर 2006 में जम्मू कश्मीर पुलिस का कॉन्स्टेबल बना था और फिर उसे राज्य के एक पूर्व मंत्री सैय्यद अल्ताफ बुखारी के गार्ड के तौर पर तैनात कर दिया गया। अप्रैल 2015 में पंडित बुखारी के घर से दो राइफल लेकर फरार हो गया था। इसके बाद उसने अपने चचेरे भाई तारिक पंडित और दोस्त अफाक अहमद भट के साथ हिजबुल को ज्वॉइन कर लिया। अप्रैल 2016 में वसीम मल्ला के साथ पंडित भी मारा गया था।
इशफाक हमीद
23 वर्ष का इशफाक हमीद, अनंतनाग के संगम का रहने वाला था। फरवरी 2015 में वह हिजबुल का सदस्य बना था। मई 2016 में उसे एनकाउंटर में मार गिराया गया। हमीद संगम के संपन्न परिवार से आता था। उसके पिता क्रिकेट बैट बनाने का बिजनेस था। इशफाक आठ मई 2016 को मारा गया था।
अफाकुल्ला भट
25 वर्ष का अफाकुल्ला भट भी पुलवामा के करीमाबाद का रहने वाला था। अप्रैल 2015 में वह हिजबुल का सदस्य बना था। वह हिजबुल का एक ऐसा चेहरा था जो हर तरह की टेक्नोलॉजी से वाकिफ था। एमटेक की डिग्री वाला अफाकुल्ला हिजबुल के ऑनलाइन ऑपरेशंस के लिए जिम्मेदार था। उसने भी तारिक और उसके भाई नसीर अहमद पंडित के साथ हिजबुल को ज्वॉइन किया था। अक्टूबर 2015 में पुलवामा के द्राबगाम में हुए एनकाउंटर में वह मारा गया था।
आदिल अहमद खांडे
आदिल अहमद खांडे शोपियां के इमाम साहिब का रहने वाला था। वर्ष 2012 के मध्य वह हिजबुल का सदस्य बना था। 22 अक्टूबर 2015 को शोपियां के मनजिमपोर में हुए एनकाउंटर में उसे मार गिराया गया था। उसने एक स्थानीय प्राइवेट स्कूल में एक ड्राइवर के तौर पर काम भी किया था। कहा जाता है कि वह अक्सर गांववालों और पंचायत के सदस्यों को डरा कर रखता था।
वसीम अहमद शाह
24 वर्ष का वसीम अहमद शाह शोपियां का रहने वाला था। नवंबर 2016 में शोपियां में हुए एक एनकाउंटर में वह मारा गया था।