एयरफोर्स डे पर देसी जेट तेजस का 15 मिनट वाला सफल डेब्यू
नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) ने शनिवार को अपना 84वां एयरफोर्स डे मनाया। इस मौके पर दर्शकों के लिए सुखोई 30एमकेआई, जगुआर, मिराज, मिग-29 और ऐसे कई फाइटर जेट्स मौजूद थे लेकिन सबकी नजरें भारत में बने पहले लाइट कॉम्बेट जेट तेजस पर टिकीं थीं। तेजस ने एयरफोर्स डे में भी अपना डेब्यू कर डाला है।
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आसमान में तेजस के वह 15 मिनट
शनिवार को एयरफोर्स डे पर तेजस ने आसमान में करतब दिखाए और तेजस की यह पारी इसलिए और भी अहम है क्योंकि इसकी स्क्वाड्रन इस वर्ष जुलाई में ही एयर फोर्स का हिस्सा बनी है।
ऐसे में तेजस का शक्ति प्रदर्शन उसके आलोचकों का मुंह बंद करने के लिए काफी है। तेजस करीब 15 से 20 मिनट तक आसमान में रहा और तेजस को बाकी फाइटर जेट्स की तुलना में काफी ज्यादा समय अपने करतब दर्शकों को दिखाने का मौका मिला।
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कई मौकों पर साबित की अपनी योग्यता
पहले वर्ष 2015 में एरो-इंडिया, फिर वर्ष 2016 में बहरीन इंटरनेशनल एयर शो और फिर जुलाई में तेजस की दो स्क्वाड्रन। यह कहने में या स्वीकार करने में किसी को हिचक नहीं होनी चाहिए कि तेजस दिन पर दिन और साहसी होता जा रहा है।
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हमेशा रहा आलोचकों के निशाने पर
तेजस, जिसकी शुरुआत 80 के दशक में आईएएफ के लिए लाइफ कॉम्बेट जेट तैयार करने के मकसद से हुई थी, वह कभी अपने मैनयुवरैलिबिलिटी तो कभी अपनी डिजाइन की वजह से लोगों के निशाने पर रहा।
लेकिन एयरफोर्स डे के मौके पर इस लाइट कॉम्बेट मल्टीरोल जेट ने कहीं न कहीं अपनी क्षमताओं को भी साबित किया है।
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तेजस की स्क्वाड्रन फ्लाइंग डैगर
एक जुलाई को तेजस की स्क्वाड्रन फ्लाइंग डैगर को आईएएफ में शमिल किया गया है। दो तेजस जहां अभी इस स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं तो वहीं आईएएफ ने 120 तेजस का ऑर्डर हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड को दिया है। इसके अलावा हाल ही में तेजस के एसपी3 वर्जन को भी टेस्ट किया गया है।
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मेक इन इंडिया का सफल उदाहरण
आने वाले कुछ वर्षों में तेजस असल मायनों में 'मेक इन इंडिया' का सफल उदाहरण बन सकता है। आईएएफ के अलावा दूसरे देशों ने भी इसमें अपनी रूचि दिखाई है।
हाल ही में भारत ने फ्रांस से 36 राफेल फाइटर जेट खरीदे हैं और इसने आईएएफ को एक नई ताकत दी है।
वहीं दूसरी ओर जिस तरह से दिन पर दिन तेजस निखर रहा है उससे लगता है कि आईएएफ की ऑपरेशनल कैपेसिटी में सकारात्मक तौर पर इजाफा होगा।