दलाईलामा से ऐसे मिले राष्टपति तो चीन को क्यों लगी मिर्ची
धर्मगुरु दलाई लामा और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मुलाकात पर चीन के विरोध पर भारत का करारा जवाब। कहा मुलाकात को राजनीति से दूर रखें क्योंकि किसी राजनीति सम्मेलन में नहीं हुई थी दोनों की मीटिंग।
नई दिल्ली। भारत ने चीन के उस विरोध को सख्ती के साथ खारिज कर दिया है, जिसके तहत उसने धर्मगुरु दलाई लामा और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मुलाकात की की निंदा की गई थी। शुक्रवार को भारत ने इस मुद्दे पर चीन को दो टूक जवाब दिया है।
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क्या है भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने कहा है कि दलाई लामा एक धार्मिक नेता हैं और जिस समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से उनकी मुलाकात हुई थी वह एक गैर-राजनीतिक समारोह था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, 'भारत इस मुद्दे पर पहले जैसा रुख रखता है। दलाई लामा को एक धार्मिक नेता के तौर पर सम्मान हासिल है। उन्होंने जिस कार्यक्रम में हिस्सा लिया वह एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम था और बच्चों के कल्याण से जुड़ा था। '
पिछले दिनों तब्बितयों के 14वें धर्मगुरु दलाई लामा नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के चिल्ड्रंस फाउंडेशन के कार्यक्रम में शामिल होने राष्ट्रपति भवन गए थे। उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात भी की।
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चीन ने दी संबंध बिगड़ने की धमकी
दलाई लामा और राष्ट्रपति की मुलाकात पर चीन ने कहा था कि भारत को उसके मूल हितों का सम्मान करना चाहिए ताकि द्विपक्षीय संबंधों में कोई मुश्किल ना आए।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा कि हाल ही में चीन के कड़े विरोध के बाद भी भारत दलाई लामा के राष्ट्रपति भवन में जाने पर अड़ा रहा। यहां लामा ने एक कार्यक्रम में भाग लिया और राष्ट्रपति से मुलाकात की।
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क्यों हैं दलाई लामा से चीन को एतराज
चीन दलाई लामा को एक अलगाववादी नेता मानता है। चीन उन पर आरोप लगाता आया है कि वह पिछले कई वर्षों से चीन विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
साथ ही धर्म के नाम पर तिब्बत को चीन से अलग करने का प्रयास कर रहे हैं। जेंग ने भी अपने बयान में कहा कि भारत दलाई लामा के चीन विरोधी अलगाववादी रवैये को देखें।
उन्होंने भारत को संबंधों पर नकारात्मक असर डालने वाली चीजों को दूर करने के लिए कदम उठाने की सलाह भी दी थी।
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अक्टूबर में भी चीन खफा
यह दूसरा वाकया है जब चीन ने भारत में दलाई लामा की गतिविधियों पर आपत्ति की है। चीन ने इससे पहले अक्टूबर में दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश जाने की अनुमति देने पर एतराज जताया था।
दलाई लामा मार्च 2017 में अरुणाचल प्रदेश जाएंगे। चीन के तिब्बत पर कब्जे के बाद से दलाई लामा वहां से निर्वासित हैं। भारत में वह धर्मशाला में रहते हैं।
चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है इसके चलते वह वहां के यात्रियों को भी स्टेपल वीजा देता है।
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बराक ओबामा से मुलाकात के बाद भी खफा
इससे पहले इस वर्ष जब जून में दलाई लामा ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की थी तो उस समय भी चीन की त्यौरियां चढ़ गई थीं।
उस समय व्हाइट हाउस की ओर से भारत से मिलता-जुलता बयान जारी किया गया था।
व्हाइट हाउस ने कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति दलाई लामा के धार्मिक एवं आध्यात्मिक गुरू होने के कारण उनसे मुलाकात करते हैं।