कनाडा-अमेरिकी दूतावासों के दिल में बसता भारत
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को कल जिन चार देशों के राजनयिकों ने अपने परिचय पत्र पेश किये उनमें से दो के दिल के किसी कोने में भारत बसता है। एक मूल से पंजाबी है,तो दूसरा गुजराती।
नादिर पटेल ने कनाडा के उच्चायुक्त के रूप में अपने परिचय पत्र राष्ट्रपति को सौंपे। भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक नादिर पटेल का जन्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य गुजरात में हुआ था और वह घर पर गुजराती भाषा बोलते हैं। पटेल मात्र 44 साल के हैं। पटेल के साथ अमेरिका के भारतीय मूल के रिचर्ड राहुल वर्मा ने भी पहचान पत्र राष्ट्रपति को सौंपे।
जहां तक नादिर पटेल का सवाल है,तो जानकार कह रहे हैं कि वे अपने अनुभव के बल पर द्विपक्षीय व्यापार और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहित कनाडा-भारत के रिश्तों को और मजबूत बनाएंगे।
कनाडा बसे
पटेल जब काफी छोटे थे, तभी उनके माता-पिता ने कनाडा प्रवास का निर्णय लिया। उन्होंने 1993 में वाटरलू (ओंटारियो) के विलफ्रेड लॉरियर युनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान विषय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह फेडरल पब्लिक सर्विस से जुड़ गए, और एक के बाद एक लगातार सीढ़ियां चढ़ते गए।
ओबामा की पसंद वर्मा
रिचर्ड राहुल वर्मा को अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत में नया अमरीकी राजदूत बनाया है। भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक रिचर्ड वर्मा भारत के राजदूत बनने वाले पहले भारतीय-अमरीकी हैं। पटेल और वर्मा के अलावा मैक्सवेल रंगा, जिम्बाब्वे के और रेगिन कटाबरूम्वे, बुरूंडी की राजदूत बनीं हैं भारत में।
जैसे कि सब जानते हैं कि पूरी दुनिया में भारतवंशी फैलते जा रहे हैं,तो मानकर चलिए कि आने वाले समय पटेल और वर्मा जैसे और विदेशी राजनयिक भारत में आएंगे।