कारगिल शहीद के पिता ने कहा अब नरेंद्र मोदी ने मारा पाक के मुंह पर तमाचा
[ऋचा
बाजपेई]नरेंद्र
मोदी
सरकार
की
ओर
से
आखिर
वह
कदम
उठाया
गया
जिसका
जिक्र
और
इंतजार
पिछले
कई
समय
से
लोगों
को
था।
सीमा
पर
जारी
फायरिंग
और
लगातार
टूटते
संघर्षविराम
को
नजरअंदाज
कर
भारत
और
पाकिस्तान
के
बीच
25
अगस्त
को
सचिव
स्तर
की
वार्ता
होने
जा
रही
थी।
तभी
पाक
की
ओर
से
एक
ऐसा
कदम
उठा
लिया
गया
कि
भारत
ने
इस
वार्ता
को
कैंसिल
करने
का
फैसला
ले
लिया।
इस मुद्दे पर वनइंडिया ने शहीदों के परिवारजनों और सेना से रिटायर कुछ अफसरों की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की। सभी ने एक सुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम को पिछले 10 वर्षों के सब्र का मीठा फल करार दिया।
गोलीबारी के माहौल में बातचीत का सवाल ही नहीं
भारतीय सेना के रिटायर कर्नल आरडी बाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम से काफी खुश नजर आए। जब हमने उनसे इस बारे में बात की तो उन्होंने एक शब्द में जवाब दिया, 'परफेक्ट।' उन्होंने कहा, 'इससे ज्यादा बेहतरीन जवाब शायद सरकार की ओर से नहीं दिया जा सकता। आप ऐसे माहौल में जब सीमा पर फायरिंग लगातार जारी हो और पाक हमारे अंदरुनी मामलों में दखल देने की कोशिश करे तो फिर भला आप अपने पड़ोसी के साथ बातचीत कैसे कर सकते हैं।'
कर्नल बाली की मानें तो इसमें कोई शक नहीं है कि भारत शांति चाहने वाला और इसका समर्थन करने वाला देश है लेकिन इसके साथ ही उसे यह भी मालूम है कि अपनी सीमाओं की रक्षा कैसे करनी है।
पाक को सुधरना होगा
कारगिल शहीद कैप्टन विजयंत थापर के पिता रिटायर कर्नल वीएन थापर की मानें तो पिछले 10 वर्षों से भारत की ओर से लगातार पाकिस्तान के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने और उसके साथ शांति कायम रखने के सारी कोशिशें की जा रही थी लेकिन पाक हरकतों से बात आने को तैयार नहीं था।
उन्होंने कहा, 'पिछले 10 वर्षों के बाद अब लग रहा है कि देश की सरकार पाक के खिलाफ और कड़ा रुख अख्तियार करने की ताकत रखती है। पाक एक ऐसा देश है जो कभी भी अपने शैतानी मंसूबों को नहीं छोड़ सकता है। ऐसे में यही बेहतर है कि उससे हर तरह की बातचीत बंद हो।'
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब पाक को समझ आ गया होगा कि अगर वह नहीं सुधरा तो उसके लिए ही मुसीबतें बढ़ेंगी।
पाक के मुंह पर तमाचा
कारगिल वॉर के शहीद कैप्टन सौरभ कालिया के पिता डॉक्टर एनके कालिया की मानें तो हर पल कश्मीर पर अपना राग अलापने वाले पाक के मुंह पर मोदी सरकार की ओर से लिया गया फैसला एक तमाचे की तरह है। उन्होंने कहा, 'पाक हर बार कश्मीर पर अपना हक जताता रहता है। इसी बहाने वह अलगाववादियों से मिलकर वहां की जनता को देश के खिलाफ भड़काना चाहता है। नरेंद्र मोदी का फैसला एक ऐसे तमाचे की तरह है जिसकी जरूरत पिछले 10 वर्षों से महसूस हो रही थी। पाक को अब यह बात समझनी होगी कि जब तक वह अपने देश से आतंकवाद को बंद नहीं करता, तब तक वह भारत से कोई उम्मीद न रखें।'
हालांकि अब डॉ कालिया को उम्मीद है कि उनके बेटे के साथ ही पांच और जवानों को जिस तरह से पाक ने कारगिल वॉर के समय मार डाला था, भारत पाक के खिलाफ वॉर क्राइम के केस को भी आगे बढ़ाएगा।