मौत के खूनी खेल में सीरिया से बदतर भारत के हालात
नयी दिल्ली। भारत हमेशा से आतंकियों के निशाने पर रहा है। आए दिन होने वाले आतंकी हमलों में सैकड़ों लोगों की जाने जाती है। हालत अब ऐसे हो गये हैं कि मौत के खूनी खेल के मामले में हमारे हालात सीरिया से भी बदतर हैं। बम धमाकों की बात की जाए तो भारत की स्थिति सीरिया से बदतर है। आप इस बात को मानने को तैयार नहीं होंगे, लेकिन अगर नेशनल बम डाटा सेंटर के आंकड़ों का देखा जाए तो आपको इस बात पर विश्वास हो जाएगा।
नेशनल बम डाटा सेंटर से इक्ट्ठा किए गए इन आंकड़ों पर नजर डाले आपको खुद इस बात का विश्वास हो जाएगा कि आतंक से जूझ रहे सीरिया की स्थिति हम से बेहतर है। सीरिया जहां युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो चुका है। वहां आईएस और नाटो सेनाओं के बीच संघर्ष जारी है, लेकिन उनकी स्थिति हम से बेहतर है। साल 2014 में हुए धमाकों के आकंड़ों पर नजर डाले तो आंकड़े कुछ यह कहानी बयां करते हैं-
इराक
में
246
धमाके
अफगानिस्तान
में
130
धमाके
सीरिया
में
32
धमाके
पाकिस्तान
में
313
धमाके
भारत
में
190
धमाके
अगर आंकड़ों में धमाकों की बात करें तो साल 2014 में पूरे विश्व में हुए धमाकों में से 85 फीसदी धमाके इन्हीं पांचों देशों में हुए। साल 2014 में दुनियाभार में 1127 धमाके हुए, जिसमें से 910 धमाके भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक और सीरिया में हुए।
धमाकों में शिकार हुए कौन से लोग
धमाकों का निशाना हमेशा से आंतकवादी हमेशा ने उन्हीं लोगों को निशाना बनाते हैं तो ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाए जा सके। साल 2014 में आतंकियों ने अपने धमाकों में आम जनता को सबसे ज्यादा निशाना बनाया
54
फीसदी
आम
जनता
3
फीसदी
वीआईपी
43
फीसदी
अन्य
किन धमाकों को किसने दिया अंजाम
भात के लिए सिर्फ आतंकवाद ही समस्या नहीं ब्लकि माओवादी और नक्सली भी हमारे लिए उतनी ही बड़ी समस्या है। साल 2014 में भारत में होने वाले बम धमाकों में से 50 फीसदी धमाकों को माओवादियों ने अंजाम दिया। जबकि 30 फीसदी धमाकों को नक्सलियों ने वहीं 20 फीसदी धमाकों को अन्य ने अंजाम दिया।