एयर इंडिया में पायलट बनने से पहले ही इस टेस्ट में फेल हो रहे हैं लोग
नई दिल्ली। एयर इंडिया का पायलट बनने के लिए टेस्ट देने वाले अभ्यर्थी सबसे ज्यादा एक टेस्ट में फेल हो रहे हैं। इस बात की पुष्टि एयर इंडिया के सूत्रों ने की हैं।
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
एयर इंडिया के सूत्रों के मुताबिक दिसंबर 2015 से अभी तक की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि पायलट बनने के लिए टेस्ट देने वाले हर तीन में से एक अभ्यर्थी मनौवैज्ञानिक स्वास्थ्य परीक्षण में फेल हो जा रहा हैं।
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एचटी की खबर के मुताबिक 413 में से 130 उम्मीदवार इस टेस्ट में फेल हो चुके हैं। एयर इंडिया ने पायलटों की भर्ती के लिए यह टेस्ट स्विस एलेप्स में जर्मनविंग्स फ्लाइट के क्रैश होने के बाद से शुरु किया है। यह फ्लाइट वर्ष मार्च 2015 में क्रैश हो गई थी। इस हादसे में 150 लोग मारे गए थे।
अभी इस बात का पता नहीं चल पाया है कि एयर इंडिया की तरफ से आयोजित ऐसे टेस्ट में फेल अभ्यर्थी किसी दूसरी एयरलाइंस में काम कर रहे हैं या नहीं।
साइकोमेट्रिक टेस्ट में फेल हो रहे ज्यादातर अभ्यर्थी
एविएशन क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञ ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर किसी एयरलाइन कंपनी ने किसी अभ्यर्थी को ऐसे टेस्ट में फेल किया है तो क्या वो दूसरी एयरलाइन कंपनी के लिए योग्य घोषित नहीं किया जा सकता। क्या डीजीसीए और दूसरी एयरलाइंस को ऐसे रिजल्ट को घोषित नहीं करना चाहिए।
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एयर इंडिया के सू्त्रों के मुताबिक सिम्युलेटर और टेक्निकल परीक्षा में पास होने के बाद अभ्यर्थी साइकोमेट्रिक एनॉलिसिस में फेल हो गए।
सूत्रों के मुताबिक दिसंबर, 2015 में जिन 165 लोगों ने टेक्निकल परीक्षा पास की थी। उसमें से 75 लोग फेल हो गए थे। इसके बाद मई 2016 में 248 लोगों में से 55 लोग साइकोमेट्रिक टेस्ट में फेल हो गए थे।
हादसे का बाद एयर इंडिया ने लिया इस टेस्ट का फैसला
एयर इंडिया ने साइकोमेट्रिक टेस्ट दिसंबर में शुरु किया था। पिछले साल मार्च में पायलट के पद के लिए 160 लोग शॉर्ट लिस्ट किए गए थे। उनमें से भी 36 लोग फेल हो गए।
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एयरइंडिया के प्रवक्ता के मुताबिक हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह फैसले लिए जाते हैं। यात्रियों की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती जा सकती है।
डीजीसीए के संयुक्त निदेशक ललित गुप्ता की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने पायलटों के मानसिक स्वास्थ्य की नियमित तौर पर मॉनिटरिंग किए जाने की बात कही थी।