ऐसा हुआ तो बीजेपी हार जाएगी उत्तर प्रदेश में लोकसभा की करीब 50 सीटें
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए लोकसभा उपचुनावों में समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के समर्थन के बल पर भाजपा को जबरदस्त पटखनी दी है। जिसके चलते भाजपा के हाथ से 29 साल पुरानी गोरखपुर लोकसभा सीट और फूलपुर सीट निकल गई। राजनीतिक विश्लेषक अब इस समर्थन को यूपी में नई संभवानाओं के तौर पर देख रहे हैं। फिलहाल इस बात की चर्चा हो रही है कि क्या 2019 के आम चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी साथ आ सकते हैं।
भाजपा सिमटकर 23 सीटों पर रह जाएगी
इंडिया एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, अगर 2017 के विधानसभा के डाटा का विधानसभावार विश्लेषण करने सामने आया है कि यदि एसपी और बीएसपी के वोटों को जोड़ दिया जाए तो बीजेपी लोकसभा की 50 सीटें हार सकती है। अगर सप और बसपा के वोटों को एक साथ जोड़ दिया जाए तो इस संभावित गठबंधन को 80 लोकसभा सीटों में से 57 सीटें मिलती दिख रही हैं। जबकि भाजपा सिमटकर 23 सीटों पर रह जाएगी।
विधानसभा में 325 सीटों का प्रचंड बहुमत मिला था
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई में NDA ने 80 में से 73 सीटें जीती थीं। इस चुनाव में सपा और बसपा ने अलग अलग उम्मीदवार खड़े किये थे। पिछले साल के विधानसभा चुनाव में भी एसपी और बीएसपी अलग-अलग थीं। भाजपा ने दोनों पार्टियों का यूपी से सफाया कर दिया था। 2017 में सपा सिमटकर 47 सीटों पर और बसपा 19 सीटों पर रह गई थी। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। इसके बावजूद कांग्रेस मात्र सात सीटें ही जीत सकी। जबकि भाजपा को 403 सदस्यों वाली विधानसभा में 325 सीटों का प्रचंड बहुमत मिला था।
एसपी-बीएसपी के वोट जोड़ने पर बदल जाएगी तस्वीर
अगर 2017 के विधानसभा चुनाव में एसपी-बीएसपी को मिले वोटों को लोकसभा सीट में जोड़ दिया जाए तो तस्वीर पूरी तरह से बदल जाती है। आंकड़ों के मुताबिक अगर एसपी और बीएसपी के वोटों को जोड़ने पर इस गठबंधन को 57 लोकसभा सीटों पर औसतन एक लाख 45 हजार वोटों की बढ़त हासिल हो जाती है। जबकि 23 सीटों पर बीजेपी की औसत बढ़त मात्र 58 हजार वोट है।
2014 में 55 सीटों पर एक लाख मतों के अंतर से जीती थी BJP
2014 में बीजेपी जिन 73 लोकसभा सीटों पर चुनाव जीती थी वहां पार्टी की औसत बढ़त 1 लाख 88 हजार वोट थे। 73 लोकसभा सीटों में भाजपा 55 सीटों पर एक लाख मतों के अधिक के अंतर से जीती है। अगर बीएसपी-एपी के वोट को जोड़ दिया जाए तो बीजेपी को जिन 23 सीटों पर जीत मिल सकती है उनमें से महज चार सीटों, वाराणसी, मथुरा, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर पर ही भाजपा को 1 लाख मतों के अंतर से जीत मिल पाएगी। यह आंकड़े 2017 में सपा और बसपा को मिले मतों के आधार पर निकलकर सामने आए हैं।