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गलती से भी हो गया मंच पर मोदी और केजरीवाल का सामना तो

By Mayank
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arvind kejriwal
बेंगलुरु। मैं मयंक दीक्ष‍ित, अरव‍िन्द केजरीवाल को खुले मंच पर बहस करने के लिए आमंत्रत करता हूं। क्या वे मेरा निमंत्रण स्वीाकर करेंगे? वो जो भी दिन, वक्त् तय करें, मैं तैयार हूं। शायद बिल्कुल नहीं। क्यों? क्योंकि उनसे मिलने के लिए मुझे उनके और मेरे बीच की दूरी मिटानी होगी। वह दूरी जो काबिल‍ियत, कामकाज, अनुुभव, राजनैत‍िक दक्षता, सामाज‍िकता व कई दूसरी तरह की हो सकती है।

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यह बात मैंने इसलिए कही क्योंकि अरव‍िन्द केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी से खुली बहस की चुनौती दी है। केजरीवाल चाहते हैं कि मोदी उनके साथ मंच साझा कर कई मसलों पर आमने-सामने वार्ता करें। अब सच यह है कि केजरीवाल को इसके लिए उनके और मोदी के बीच की कई दूर‍ियां मिटानी होंगी। भले ही केजरीवाल ने दिल्ली की गद्दी किन्हीं कारणों की वजह से छोड़ी हो, पर सच यही है कि उन्होंने सत्ता ठुकराई थी, जिसके दम पर वे देशह‍ित में कुछ सार्थक काम कर सकते थे।

केजरीवाल के धरने, बयान, झाड़ू यात्रा से बढ़कर मोदी ने कई साल गुजरात में मजबूत सरकार, प्रशासन दिया है। ऐसे में क्यों ना मान लिया जाए कि केजरीवाल को मोदी से खुली भेंट करने से पहले अपने और उनके कामकाज का मूल्यांकन करना चाह‍िए।

सोशल मीड‍िया की राय पेश करें तो हम पाएंगे केजरीवाल और मोदी में ये मुख्य अंतर -

मोदी देश के सबसे अनुभवी और व्यवस्थित तरीके से काम करने वाले तानाशाह हैं, जबकि केजरीवाल देश के सबसे अनुभवहीन और अराजक तरीके से काम करने वाले तानाशाह हैं।

अपनी सुरक्षा तैनाती के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए केजरीवाल ने मीडिया पर हमला बोला और कहा, ‘इस बार मीडिया बिका हुआ है, यह एक बड़ा षड्यंत्र है, यह एक बड़ी राजनीतिक साजिश है।

केंद्रीय कानून के अनुसार देश के एनजीओ यानि गैर सरकारी स्वयमसेवी संगठन लोकपाल की परिधि में आएंगे। मगर आप पार्टी के बिल में एनजीओ को लोकपाल से बाहर रखा गया। अपनी यह बात केजरीवाल ने कभी नहीं कही।

ऐसे ही कुछ कारण हैं, जो उनकी सत्ता चलाने की काब‍िल‍ियत पर शक पैदा करते हैं। वहीं मोदी के इन बयानों में झलकता है कि वे सिर्फ सरकारविरोधी बातें ही नहीं, करते बल्क‍ि समाधान बताते हैं साथ ही लागू करने की भी भरपूर हामी भी भरते हैं :

1. दूसरे देश कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे आयोजनों से अपनी ब्रैंड
वैल्यू बढ़ाते हैं, कांग्रेस सरकार वह भी नहीं कर पाई। जब
CWG की बात होती है तो सिर्फ घोटाले की बात
आती है।


2. हमारे देश में कोई कोयला नहीं चुराता लेकिन यह
सरकार तो उसकी भी चोरी कर रही है।

3. कांग्रेस को अहंकार हो गया है। महंगाई को लेकर
जनता से माफी मांगनी चाहिए, उलटे चिदंबरम और
सिब्बल अजीब बयान दे रहे हैं।

4. पीएम ने ढाई साल पहले महंगाई पर मेरे नेतृत्व में
मुख्यमंत्रियों की समिति बनाई। हमारी सिफारिशों पर
आज तक कोई ऐक्शन नहीं लिया गया।

5. वोट डालते समय जाएं तो गैस सिलिंडर को नमस्ते
करिए, प्याज को प्रमाण करके जाइए, जिन्हें इस सरकार ने
आपसे छीन लिया है।

Comments
English summary
If Narendra Modi meets Arvind Kejriwal on the same stage it will not be advantageous for Kejriwal in any way.
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