क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

नीतीश-लालू का गठबंधन टूटने से नीतीश को था ये बड़ा नुकसान

लालू-नीतीश के बीच दूरी पाटने को लेकर जेडीयू के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भी अहम कोशिश की है। उन्होंने लालू यादव से मुलाकात की और गठबंधन बनाए रखने को लेकर खास कोशिश की।

Google Oneindia News

नई दिल्ली। बिहार में जारी सियासी घमासान थमता दिख रहा है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खास मुलाकात के बाद इस मुद्दे के सुलझने के आसार नजर आ रहे हैं। हालांकि ये अभी तक साफ नहीं हुआ है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बैठक में क्या बात हुई, लेकिन माना जा रहा तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के सामने खुद पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर अपना पक्ष रखा है। तेजस्वी की सफाई के बाद यह साफ हो गया है कि अब वो डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा नहीं देंगे।

जेडीयू-आरजेडी में सुलझा विवाद!

लालू-नीतीश के बीच दूरी पाटने को लेकर जेडीयू के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भी अहम कोशिश की है। उन्होंने लालू यादव से मुलाकात की और गठबंधन बनाए रखने को लेकर खास कोशिश की। भले ही ताजा हालात में जेडीयू-आरजेडी विवाद थम गया हो लेकिन ये साफतौर से कहा जा सकता है कि अगर जेडीयू और आरजेडी के बीच विवाद बढ़ता और महागठबंधन में टूट होती तो इसका सबसे बड़ा नुकसान जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार को ही उठाना पड़ता। दोनों दलों के बीच तलाक की स्थिति में नीतीश कुमार को ये नुकसान हो सकते थे...

1- 2019 के आम चुनाव में नीतीश को लगता झटका

1- 2019 के आम चुनाव में नीतीश को लगता झटका

जिस तरह से तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर जेडीयू और आरजेडी के बीच रिश्ते तल्ख हो रहे थे, इसका खामियाजा दोनों दलों को उठाना पड़ता। बिहार में महागठबंधन सरकार की मुश्किलें तो बढ़ती ही इसके साथ-साथ नीतीश कुमार की साख को झटका लगता। ऐसा इसलिए क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार को अकेला ऐसा नेता माना जा रहा है जो मोदी को चुनौती दे सकते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष नीतीश कुमार को साझा उम्मीदवार घोषित कर सकता है। ऐसे हालात में अगर महागठबंधन टूटता तो आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के समर्थन के बिना इसकी संभावना धूमिल होती।

2. बीजेपी में केवल पिछलग्गू की भूमिका

2. बीजेपी में केवल पिछलग्गू की भूमिका

अगर नीतीश कुमार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से नाता तोड़कर बीजेपी से नजदीकियां बढ़ाते हैं तो उनकी भूमिका केवल पिछलग्गू की रह जाती। ऐसा इसलिए क्योंकि अटल बिहार वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की बीजेपी की तुलना में नरेंद्र मोदी-अमित शाह की बीजेपी में बहुत बदलाव आ चुके हैं। ऐसी सूरत में नीतीश कुमार का आरजेडी से अलग होना उनके लिए घाटे का सौदा साबित होता। फिलहाल जेडीयू-आरजेडी के बीच विवाद सुलझते दिख रहे हैं। जेडीयू के बड़े नेता शिवानंद तिवारी ने इस संबंध में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात भी की है। शिवानंद तिवारी ने बताया है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की भी मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के बाद ही दोनों दलों के बीच सामंजस्य बढ़ा है और बयानबाजी बंद हुई है।

3. बिहार में दलित-अति पिछड़े नेता की छवि को बट्टा लगता

3. बिहार में दलित-अति पिछड़े नेता की छवि को बट्टा लगता

अगर नीतीश कुमार, आरजेडी का साथ छोड़कर जाते तो कहीं न कहीं बिहार में दलित और अति पिछड़े नेता की उनकी छवि को बट्टा लगता। बिहार के सीएम नीतीश कुमार को ओबीसी और अति दलितों का नेता माना जाता है। अगर वो ओबीसी के दो नेताओं को सरकार से हटाते तो उनकी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनका परिवार उन्हें पिछड़ा विरोधी कहकर राजनीति करता, जिसका सीधा नुकसान नीतीश की छवि को लगता। नीतीश कुमार ऐसा बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि बिहार में उनकी पकड़ कमजोर हो।

4. राजनीतिक लाभ-हानि

4. राजनीतिक लाभ-हानि

राष्ट्रपति चुनाव के बाद फिलहाल ऐसी कोई राजनीतिक परिस्थिति नहीं दिख रही जिसमें नीतीश कुमार को कोई राजनीतिक लाभ होता नजर आ रहा हो। वैसे भी बिहार की जनता ने चुनाव में आरजेडी और जेडीयू महागठबंधन को समर्थन दिया है, यानी बिहार की जनता जेडीयू-आरजेडी को साथ देखन चाहती है। अगर दोनों दलों में से किसी ने भी इस संबंध को तोड़ने की कोशिश की तो ये बिहार की जनता के फैसले पर चोट होती। वैसे भी बिहार चुनाव में लालू यादव की पार्टी ने नीतीश कुमार की जदयू की तुलना में ज्यादा सीटें हासिल की हैं। ऐसे में नीतीश कुमार के ऊपर जनमत का भी एक दबाव था कि तमाम आरोपों के बावजूद उनके बेटों को सरकार से ना हटाया जाए। फिलहाल सियासी बयानबाजी और रिश्तों में टकराव के बीच महागठबंधन में फिर से सुलह की खबरें हैं। इसका सीधा मतलब यही है कि बिहार में लालू-नीतीश की जोड़ी आगे भी बरकरार रहेगी।

Comments
English summary
If jdu rjd alliance may broken then nitish kumar gets big loss.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X