मैं नरेंद्र मोदी को गंभीरता से नहीं लेता: दिग्विजय सिंह
गौर हो कि गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में मोदी की कथित संलिप्तता के बाद 2005 में अमेरिका ने 'धार्मिक अधिकारों के उल्लंघन' कानून के अंतर्गत मोदी का वीजा रद्द कर दिया था। अब वीज़ा जारी होने की संभावना पर सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने मीडिया से कहा कि इस बारे में आप उनसे पूछें, जो वीजा चाहते हैं और इसके लिए दरख्वास्त की है।
वहीं सपा नेता नरेश अग्रवाल ने मोदी से अमेरिकी राजदूत के मिलने पर नाराजगी दिखाई और कहा कि 'पता नहीं क्यूं अमेरिका भारत के अंदरूनी हालात में हस्तक्षेप करता है, भारत को विदेशी राजनायिकों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। मोदी से पॉवेल की मुलाकात से आम जनता के बीच एक नकारात्मक संदेश जाता है, जो कि सही नहीं है। वहीं भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि देश की जमीनी सच्चाई को कभी नकारा नहीं जा सकता है, यह एक सच है कि देश में मोदी के समर्थन में हवा चल रही है, अत: अब हर कोई उनसे जुड़ना चाहता है।
इसी मामले पर वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा का कहना है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में कोई भी व्यक्ति कभी भी किसी से मिल सकता है। 'मोदी से पॉवेल की मुलाकात हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है।' आनंद के अनुसार एक दिन ऐसा जरूर आएगा, जब मोदी को अमेरिकी वीजा मिल सकेगा। यह ध्यान देने योग्य है कि आगामी चुनाव में कांग्रेस के कमजोर होने से मोदी का भारत का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि भारत के राजनेता अब भी मोदी का विरोध कर रहे हैं और उन्हें भारत की एकता के लिए खतरा मान रहे हैं। पिछले दिनों कुछ सांसदों ने अमेरिकी संसद को पत्र लिखा कि वह मोदी को वीज़ा जारी न करें, जबकि बाद में सभी सांसदों में इस पर हस्ताक्षर करने की बात से इनकार कर दिया।