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वानी के 'स्‍टारडम' को कैश कराने की कोशिश में सईद के बाद गिलानी

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श्रीनगर। लश्‍कर-ए-तैयबा के चीफ और आतंकी हाफिज सईद के बाद अब हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता सैय्यद अली शाह गिलानी ने हिबजुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी को लेकर दावा किया है।

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बेचैन हैं हुर्रियत नेता गिलानी

गिलानी ने कहा है कि वानी ने मौत से पहले उनसे बात की थी और कश्‍मीर में उनके नेतृत्‍व पर पूरा भरोसा जताया था। गिलानी के इस बयान से साफ है कि वह किस तरह से वानी के बारे में दावा करके कश्‍मीर की स्थितियों को अपने पक्ष में करने के लिए बेचैन नजर आ रहे हैं।

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कम हो रहा है गिलानी का कद

इस बारे में गृह मंत्रालय की ओर बयान दिया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि गिलानी का कद घाटी में कम होता जा रहा है और इसी वजह से इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं।

इस अधिकारी के मुताबिक आज घाटी के हालात इस तरह के हैं हर कोई मानने लगा है कि अब अलगाववादी नेताओं का घाटी में कोई प्रभाव नहीं रह गया है।

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अस्तित्‍व पर संकट

सिर्फ 10 प्रतिशत जनसंख्‍या को ही आज भी उन पर भरोसा रह गया है। यह आबादी किसी स्‍थानीय निकाय के लिए उन्‍हें चुनाव तो जीतवा सकते हैं। इस अधिकारी के मुताबिक आज अलगाववादी नेता सिर्फ 300 रुपए अदाकर युवाओं से पत्‍थर फिकवाने जैसे कामों तक ही सीमित रह गए हैं।

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लाजिमी हैं ऐसे बयान

अब जबकि वानी को घाटी में एक शहीद की तौर पर बनकर रह गया है। ऐसे में सईद के बाद गिलानी का यह बयान आना लाजिमी है। हाफिज सईद ने भी कुछ दिनों पहले वानी की लोकप्रियता को कैश कराने की कोशिश की थी। सईद ने कहा था कि वानी ने मौत से पहले उसे कॉल किया था।

क्‍या है दावों हकीकत

हकीकत यह है कि बुरहान के कॉल रिकॉर्ड और उस पर करीब एक माह तक नजर रखी गई है। इस पूरे काम में शामिल अधिकारियों का कहना है कि ऐसी कोई भी कॉल उन्‍होंने ट्रेस नहीं की जो कि सईद या फिर गिलानी की ओर से आई थी। गिलानी भी आज घाटी में सईद की तर्ज पर वानी की लोकप्रियता को कैश कराने की कोशिश कर रहे हैं।

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English summary
After Hafiz Saeed, it is Syed Ali Shah Geelani who is desperate to stay relevant in Jammu and Kashmir. In today's circumstance the best way to stay relevant is take a piece of Hizbul Mujahideen commandar Burhan Wani.
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