सावधान! महिलाओं का किया इंसल्ट तो लगेगा रेप का आरोप
नयी दिल्ली। कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने कानून में संसोधन किया है। नए संसोधन के बाद महिलाओं ने ऐसा अपमानजनक बर्ताव करना जिससे कि उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है, यौन उत्पीड़न के बराबर होगा।
कार्मिक, जनशिकायत और पेंशन मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में आज ये जानकारी दी। इसके मुताबिक सेवा नियमावली को यौन उत्पीड़न के दायरे में रखा गया है। साथ ही दफ्तर को महिलाओं के लिए अधिक अनुकूल बनाने के लिए इस नियमावली को संशोधित किया गया है।
इस नियमावली के मुताबिक कार्यस्थल पर महिलाओं के कामकाज में हस्तक्षेप करना या धमकी देना या उनके लिए शत्रुतापूर्ण माहौल बनाना यौन उत्पीड़न के बराबर हो माना जाएगा। सरकार ने ये कदम कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने के लिए उठाए हैं।
नई नियमावलियों से उम्मीद है कि इस कानून के तहत यौन उत्पीड़न के विभिन्न अपराधों के लिए दंड के बारे में इससे स्पष्टता आएगी। आपको बता दें कि केंद्रीय सिविल सेवा (आचार-व्यवहार) नियमावली,1964 के मुताबिक महिला का शरीर स्पर्श करना या यौन संबंध बनाने का आग्रह या ऐसी टिप्पणियां करने या अश्लील तस्वीरें दिखाने या ऐसी कोई भी शारीरिक या मौखिक हरकत यौन उत्पीड़न के दायरे में आएगी। यह नियम सभी सरकारी विभाग, उपक्रम, संस्थान, कार्यालय, शाखा पर लागू होगा।