जानिए कैसे पाकिस्तान में बची उजमा अहमद की जान और आ सकी भारत
पाकिस्तान से उजमा अहमद की वापसी की कहानी भी कम रोचक नहीं है। अपने पाकिस्तानी पति से उजमा ने कहा था कि उसे भारत के हाई कमीशन जाकर लेने है 1.5 लाख रुपए।
नई दिल्ली। पिछले दिनों पाकिस्तान के एक हाई कोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद भारत की नागरिक उजमा अहमद सुरक्षित अपने देश लौट सकी हैं। उजमा की सुरक्षित रिहाई भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। लेकिन उसकी वापसी की कहानी भी कम रोचक नहीं है। उजमा अपने पति की तरफ से मिल रहे दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और फिर उसने इंडियन हाई कमीशन और इसके अधिकारियों से संपर्क किया। 25 मई को भारत लौटी उजमा का स्वागत केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया था।
घर से आए हैं 1.5 लाख रुपए
उजमा को सुषमा ने भारत की बेटी करार दिया था। उजमा की शादी पाकिस्तान के ताहिर अली से हुई थी। उसका कहना था कि उसका पति उसे शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित करता था। एक दिन उजमा ने अपने पति से कहा कि उसे इंडियन हाई कमीशन जाकर 1.5 लाख रुपए लेने हैं जो उसके परिवार ने उसके लिए भेजे हैं।
पाकिस्तान में और बीवियां बच्चे
उजमा ने पति को बताया कि यह उसके परिवार में एक परंपरा है और ऐसे में हाई कमीशन जाकर इसे लेना होगा। उजमा ने बताया था ताहिर अली ने उसे वाघा बॉर्डर पर नशे की चीज सुंघा दी थी और फिर से वह एक सूनसान जगह पर ले गया था। यहां पर उसकी बाकी पत्नियां और बच्चे थे।
पति को दिलाया भरोसा
उजमा ने अपने पति को इस बात का भरोसा दिलाया कि उसका भाई हाई कमीशन के लिए काम करता है और यह पैसा उसे देना चाहता है। अली भी लालच में आ गया और उसे हाई कमीशन लेकर गया। वहां पर पहुंचते ही उजमा ने डिप्टी हाई कमिश्नर जेपी सिंह को सारी बातें बताईं।
हाई कमीशन ने की मदद
उजमा ने उन्हें बताया कि घर में उसे डराने के लिए गोलियां चलाई जाती हैं और साथ ही दूसरे तरीकों से उसे टॉर्चर किया जाता है। उसके अनुरोध पर हाई कमीशन की ओर से एक कपल को उजमा के भाई और भाभी के तौर पर बर्ताव करने को कहा गया और फिर उन्हें अली से मिलने का आदेश दिया गया। सुषमा स्वराज ने जो जानकारी दी उसके मुताबिक अली को बताया गया कि उजमा उनके साथ रहेगी।
उजमा ने दी थी धमकी
उजमा ने धमकी दी थी कि अगर उसे हाई कमीशन में शरण नहीं मिली और अली के साथ जाने को कहा गया तो फिर वह अपनी जान दे देगी। सुषमा स्वराज ने हाई कमीशन को आदेश दिए थे कि उजमा की मदद करने से पहले उसके भारतीय होने के बारे में पूरी तरह से पता लगा लिया जाए।
सुषमा ने किया हस्तक्षेप
जब विदेश मंत्रालय ने उजमा के पासपोर्ट पर मौजूद पते के बारे में जांच कर ली तो सुषमा ने मामले में हस्तक्षेप किया। सुषमा ने जेपी सिंह और उजमा से एक दिन में तीन बार बात की। इसके बाद उन्होंने सुनिश्चित किया कि सारी चीजें प्लान के मुताबिक हों।