जानिए आखिर कैसे केरल में सऊदी अरब और ईरान हैं आमने-सामने
केरल में शुरू हो सकता है शिया-सुन्नी के बीच संघर्ष, वहाबी और हवाला ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं।
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से केरल खबरों में बना हुआ है, यहां राजनीतिक हत्याओं ने देश का सियासी पारा बढ़ा दिया है। इसके पीछे की बड़ी वजह वहाबी और हवाला को माना जा रहा है। केरल मौजूदा समय में कई मुश्किलों का सामना कर रहा है लेकिन अब यहां शिया और सुन्नी की नई समस्या खड़ी हो गई है। तमाम बुद्धिजीवियों ने दावा किया है कि यहां इरान शिया विचारधारा को बढ़ावा देने में जुटा है, जबकि सुन्नी कहते हैं कि संविधान शिया की उपस्थिति को नकारता नहीं है , लेकिन शिया लोगों को अपने अस्तित्व के बारे में सच बोलना चाहिए।
लोगों के बीच बांटी जा रही हैं किताबें
मई 2017 में मिली रिपोर्ट के अनुसार अब्दुर्रहमान अद्रेसीरी जोकि शिया आलोचक हैं का कहना है कि इन सबके पीछे सिमी के पूर्व नेता पी कोया इसके पीछे हैं, जोकि मौजूदा समय में पीएफआई का हिस्सा हैं। माना जाता है कि केरल में शिया विचारधारा को आगे बढ़ाने के पीछे कोजीकोड में चल रहा यूथ सेंटर है। इसके अलावा एक और संगठन इस्लामिक फाउंडेशन जोकि मल्लपुरम में है, वह भी शिया विचारधारा को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है, वह 30 किताबों को इसके लिए अबतक बाजार में उतार चुका है।
तेजी से बढ़ रही है शिया विचारधारा
इस मामले में आईबी का कहना है कि केरल में शिया विचारधारा तेजी से बढ़ रही है, लेकिन यह नुकसानदायक नहीं है। लेकिन आईबी इस बात को लेकर सतर्क है कि कहीं इस एक गुट दोनों समुदाओं के बीच भावना को भड़काने की कोशिश तो नहीं कर रहा है। आईबी का कहना है कि केरल में शिया मुसलमानों की संख्या काफी कम है।
शिया की संख्या काफी कम है केरल में
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार केरल में शिया मुसलमानों की संख्या काफी कम है, लेकिन जिस तरह से इतनी बड़ी संख्या में शिया विचारधारा की किताबें बांटी गई हैं, उसे दरकिनार नहीं किया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार अब्दुर्रहमान का कहना है कि केरल में तकरीबन 70 शिया गुट हैं, जिन्होंने गुपचुप कई बैठकें की हैं। जिसमें वीएएम अशरफ और सी हम्जा ने भी हिस्सा लिया था।
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हो सकता है संघर्ष
ऐसे में केरल के बड़े परिदृश्य पर नजर डालें तो केरल में सऊदी अरब और इरान आमने-सामने हैं। एक तरफ जहां सऊदी उरब वहाबी विचारधारा को केरल मे फैलाने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए फंडिंग कर रहा है। तो दूसरी तरफ इरान यहां शिया विचारधारा को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है। आईबी अधिकारी का कहना है कि अगर स्थानीय पुलिस इस मसले पर त्वरित कार्रवाई नहीं करती है तो आने वाले समय में यहां बड़ा संघर्ष शुरू हो सकता है