जानिए कैसे भारत से बांग्लादेश सप्लाई किये गये बम
बेंगलुरु। अभी तक हर कोई कहता आया है कि पाकिस्तान अधीकृत कश्मीर में आतंकियों के कैम्प चल रहे हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी नहीं होगी कि भारत में भी आतंकियों के कैम्प सक्रिय हैं। इन शिविरों में मुख्य रूप से बम बनाने का काम किया जाता है। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि भारत से बांग्लादेश में बम सप्लाई किये जाने लगे हैं। यह सब कैसे हुआ, इसका खुलासा राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के एक अधिकारी ने किया।
एनआईए की टीम इस वक्त बर्धवान धमाके के आरोपी शेख यूसुफ से गहन पूछताछ कर रही है। इसी पूछताछ में पता चला है कि 2014 और 2014 में बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश ने पश्चिम बंगाल में बम बना कर सरहद पार बांग्लादेश भेजे थे। ये बम चार अलग-अलग रास्तों से 5 बार भेजे गये।
बॉर्डर पर चल रही रिश्वत
इससे बड़ा देश द्रोह क्या हो सकता है कि सरहद पर बैठे सुरक्षा कर्मी भी रिश्वत लेने लगे हैं। एनआईए के अनुसार इस प्रक्रिया में कुल 60 खतरनाक बम भेजे गये। इस काम में जेएमबी के कौसर और शेख यूसुफ ने अहम भूमिका अदा की। शेख ने बताया कि उसने सरहद पार करने के लिये बॉर्डर पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को रिश्वत दी। उसी के बाद से उनके हौंसले बुलंद हो गये और अगली प्लानिंग 300 बमों की सप्लाई की बना ली गई। इन बमों से जेयूएम बांग्लादेश में सीरियल ब्लास्ट करने की फिराक में था।
अंतिम चरण तक पहुंच गई थी प्लानिंग
पिछले चार सालों में जेएमबी ने अपने सारे मॉड्यूल बंगाल में स्थापित कर दिये। जेएमबी ने इसके बाद मॉड्यूल स्थापित करने का काम बंद कर बम सप्लाई करने का काम शुरू कर दिया। लेकिन बर्दवान में गलती से एक बम फट गया और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर में इस संगठन की सारी गतिविधियां आ गईं।
सारे मॉड्यूल को नेस्तनाबूत करना जरूरी
एनआईए की टीम आईबी और अन्य एजेंसियों के साथ मिकर एक प्लान तैयार कर रही है, जिसके तहत एक-एक कर सारे मॉड्यूल नेस्तनाबूत कर दिये जायेंगे। इस काम में गोला बारूद नहीं बल्कि खुफिया तरीके से काम किया जायेगा। केंद्र सरकार की ओर से रार्ष्टीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल ने 27 अक्टूबर को बर्दवान पहुंच कर कहा था कि इस काम में राज्य सरकार की मदद जरूरी है और महत्वपूर्ण भी, क्योंकि जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश का खात्मा नहीं किया तो आगे चलकर यह भारत के लिये नासूर बन जायेगा।
एक महत्वपूर्ण बात
अगर शेख की बात सच है कि उसने सरहद पर तैनात सुरक्षाकर्मी को रिश्वत दी थी, तो यह बहुत गंभीर मुद्दा है। क्योंकि जो सुरक्षाकर्मी पैसा लेकर उस पार जाने की इजाजत दे सकता है, वो उस पार से आने वाले आतंकियों से भी पैसा खाकर अंदर आने में उनकी मदद कर सकता है।