नाम बदलकर एजेंसियों को धोखा देने की फिराक में हैं आतंकी संगठन!
नई दिल्ली। देश पर इस समय आतंकी साजिशों का खतरा पहले से चार गुना तक बढ़ गया है और इंटेलीजेंस एजेंसियां भी चौकन्नी हैं। लेकिन इसके बावजूद आतंकी रोज नई प्लानिंग में लगे हैं। अब आतंकियों ने एजेंसियों को गुमराह करने की नया तरीका निकाला है और यह तरीका है अपने संगठन का नाम बदलकर उन्हें गुमराह करने की कोशिशें करना।
जी हां, स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट जिसे आप और हम सिमी के नाम से जानते हैं, उसने अपना नाम बदलकर इंडियन मुजाहिद्दीन किया तो इंडियन मुजाहिद्दीन ने अपना नाम बदलकर डेक्कन मुजाहिद्दीन कर लिया।
ऐसे में आपको हैरानी नहीं होनी चाहिए अगर कुछ दिनों में खतरनाक आईएसआईएस या फिर अंसार-उल-तवाहिद भी एक नए नाम जूनुद-उल-खलीफा-ए-हिंद के नाम से आपको देश में अपनी हरकतों को अंजाम देता नजर आने लगे।
हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शुक्रवार को एनआईए ने जिन लोगों को आईएसआईएस के साथ संबंध होने के शक में गिरफ्तार किया है, वह इसी नाम के साथ अपने काम को अंजाम देने की कोशिशों में लगे हुए थे।
आपको बता दें कि आतंकी संगठनों का इस तरह से नाम बदलना कोई हैरानी वाली बात नहीं है। अगर याद हो तो 26/11 मुंबई हमलों के समय लश्कर-ए-तैयबा ने डेक्कन मुजाहिद्दीन के नाम पर संदेश भेजा था कि वह इन हमलों की जिम्मेदारी ले।
आतंकी संगठनों का नाम भले ही अलग हो लेकिन इनकी विचारधारा एक ही है। ये सभी संगठन सिर्फ धर्म के नाम पर आतंक और विनाश का खेल खेलना चाहते हैं। आतंकी संगठन अपना नाम बदलकर काम कर रहे हैं ताकि किसी भी तरह से लोगों को शक न हो और उन पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर न जाए।
इंटेलीजेंस ब्यूरो, आईबी, के अधिकारियों की मानें तो आईबी लगातार ऐसे संगठनों पर नजरें रखे हुए है। आज के समय में आतंकी संगठन आसानी से अपना नाम बदलने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
आईबी अधिकारियों के मुताबिक नाम बदलने के बावजूद यह संगठन सिर्फ कुछ ही दिनों तक बचकर रह सकते हैं। अधिकारियों का दावा है कि आईएसआईएस या फिर अल कायदा करीब 1,000 अलग-अलग नामों के साथ अपने काम को अंजाम देने में लगे हुए हैं।
हालांकि इनका पता लगा पाना काफी मुश्किल है। इन संगठनों के काम करने का तरीका एक ही है लेकिन इसके बावजूद आज नहीं तो कल इनका झूठ पकड़ा ही जाएगा। नाम बदलने की एक और वजह यह भी है कि इससे आतंकी पैसे का लेन-देन आसानी से कर पाते हैं।