आखिर कैसे पीएम मोदी लेते हैं किसी मुख्यमंत्री के नाम पर कोई फैसला
प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों की ओर से बताया गया है कि पीएम चाहते थे कि हर कोई नामों को लेकर अनुमान लगाता रहे। पीएम मोदी साफ कर चुके हैं कि उन्हें प्रयोग करने में कोई डर नहीं रहता है।
नई दिल्ली। शनिवार को बीजेपी की ओर से पांच बार गोरखपुर से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया गया। हर कोई हैरान है और इस फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हरी झंडी दी गई। पीएम मोदी मुख्यमंत्री की नियुक्ति में लिए गए अपने फैसले से पूर्व में भी सभी को हैरान कर चुके हैं।
सिन्हा के नाम पर हो चुका था फैसला
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों का नतीजा आने के बाद से केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के नाम पर करीब-करीब फैसला हो चुका था। लेकिन आखिरी पलों में योगी के नाम का ऐलान हर किसी को चौंका गया। पीएम मोदी ने इससे पहले हरियाणा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान करके भी हर किसी को चौंका दिया था। पीएम मोदी अपने पहले के फैसलों से साफ कर चुके हैं कि उन्हें प्रयोग करने में कोई हिचक नहीं होती है। सीएम पद के लिए अक्सर उन्हीं नामों का ऐलान बीजेपी की ओर से किया गया है जिनके बारे में मीडिया में काफी चर्चाएं रही हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों की ओर से बताया गया है कि पीएम चाहते हैं कि हर कोई नामों को लेकर अनुमान लगाता रहे और हमेशा से वह परंपरा को तोड़ते आए हैं।
पीएम के एक और फैसले से सब हैरान
सिन्हा, भूमिहार ब्राह्मण हैं और यह वह जाति है जिसकी उत्तर प्रदेश में मौजूदगी काफी छोटी संख्या में है। इसी वजह से सिन्हा ज्यादातर लोगों की पहली पसंद बन गए थे। पीएम मोदी भी इसी वजह से गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। उनका नाम भी आखिरी क्षणों में सामने आया और उन्हें गुजरात का सीएम बनाकर भेजा गया। पीएम मोदी जिस जाति से आते हैं, गुजरात में उसका प्रतिनिधित्व काफी कम है। हालांकि शाम होते-होते आदित्यनाथ के नाम का ऐलान हो गया। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने यह फैसला थोड़े दबाव में लिया। सच क्या है यह तो कोई नहीं कह सकता लेकिन पीएम मोदी ने फिर से अपने एक फैसले से सबको हैरान कर दिया है।