वो 9 गलतियां जिनकी वजह से हुआ 'नाभा जेल ब्रेक' कांड, क्या पुलिस भी थी शामिल?
जेल के एंट्री प्वाइंट से लेकर तमाम हिस्सों में कोई सुरक्षा न होना भी घटना का एक बड़ा कारण बना। जेल में अपराधी खुले आम मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे।
नई दिल्ली। पंजाब की नाभा जेल से एक आतंकी समेत 6 कैदियों के भागने और उनमें से कई का पकड़ा जाना पूरी तरह फिल्मी कहानी लगता है। जिस तरह अपराधियों को जेल से भगाया गया और जिस तरह उन्हें पकड़ा गया सब कुछ बेहद रोचक घटनाक्रम का हिस्सा है। इस घटना ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जेल प्रशासन से हुई हैं ये गलतियां-
1. जेल की सुरक्षा में खामी
वीकेंड होने की वजह से जेल में सुरक्षाकर्मियों की कमी थी। मेन गेट के ऊपर जहां लाइट मशीन लगी है वहां एक गार्ड की तैनाती होती है लेकिन घटना के वक्त वहां कोई नहीं था। इससे अपराधियों का काम आसान हो गया।
2.
ज्यादातर
स्टाफ
था
छुट्टी
पर
जेल
सुपरिंटेंडेंट
से
लेकर
उनके
सहायक
तक,
ज्यादातर
अधिकारी
और
जेल
स्टाफ
छुटटी
पर
थे।
कुछ
लोग
एक
सहकर्मी
के
यहां
आयोजित
कार्यक्रम
में
हिस्सा
लेने
गए
हुए
थे।
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3.
बेधड़क
जेल
में
घुस
गए
बदमाश
रविवार
सुबह
करीब
10
बजे
तीन
कारों
में
सवार
10
बदमाश
एकदम
फिल्मी
स्टाइल
में
नाभा
जेल
में
घुसे।
चकमा
देने
के
लिए
हमलावरों
ने
पुलिस
की
वर्दी
पहन
रखी
थी
और
अपने
दो
साथियों
को
हथकड़ी
लगाकर
लाए
थे।
जेल
के
सुरक्षाकर्मियों
ने
भी
उन्हें
पुलिसकर्मी
समझा
और
जाने
दिया।
4. 100 राउंड से ज्यादा फायरिंग, फिर भी जवाब नहीं
जेल में घुसते ही बदमाशों ने करीब 100 राउंड फायरिंग की एक आतंकी समेत 6 कैदियों को छुड़ाकर भाग गए लेकिन इस दौरान जेल सुरक्षाकर्मियों की ओर से एक भी गोली नहीं चली।
5.
पांच
मिनट
बाद
जेल
के
पास
वापस
आए
बदमाश
जेल
से
भागने
अपराधी
जिस
रास्ते
में
भागे
उधर
रेलवे
क्रॉसिंग
बंद
होने
के
वजह
से
करीब
पांच
मिनट
जेल
के
मुख्य
गेट
के
पास
वापस
आए
लेकिन
किसी
ने
कुछ
रिएक्ट
नहीं
किया
और
बदमाश
चुपचाप
आगे
बढ़
गए।
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6. जेल की बाउंड्री पर कंटीले तार नहीं
जेल की सुरक्षा में सबसे बड़ी खामी ये भी है कि उसकी बाउंड्री पर किसी तरह के सुरक्षा इंतजाम नहीं हैं। अमूमन ऐसी दीवारों पर कंटीले तार लगाए जाते हैं लेकिन नाभा जेल में ऐसा नहीं था।
7.
जेल
में
मोबाइल
का
इस्तेमाल
करते
थे
अपराधी
जेल
की
सुरक्षा
में
सबसे
बड़ी
सेंध
यह
भी
है
कि
अपराधियों
के
पास
मोबाइल
फोन
थे।
जेल
के
अंदर
बैठकर
वे
फेसबुक
और
वाट्सऐप
का
इस्तेमाल
भी
धड़ल्ले
से
करते
थे।
8. जेल से सरकार को चुनौती
जेल में बैठकर अपराधियों ने सरकार को चुनौती भी दी। खुलेआम मोबाइल के इस्तेमाल के जरिए उन्होंने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ खूब सारी बातें लिखीं लेकिन किसी पर कोई एक्शन नहीं हुआ।
9.
जेल
में
नहीं
है
जैमर
जेल
में
मोबाइल
फोन
जैमर
नहीं
है।
इसके
चलते
अपराधी
बड़े
आराम
से
मोबाइल
का
इस्तेमाल
कर
रहे
थे।
अपराधियों
को
मोबाइल
बिना
जेल
सुरक्षाकर्मियों
की
मिलीभगत
के
उपलब्ध
भी
नहीं
हो
सकते।