माजिद की वापसी और एनआईए की प्लानिंग
मुंबई।
आईएसआईएस
से
वापस
लौटा
महाराष्ट्र
का
अरीब
माजिद
वही
युवक
है
जिसकी
मौत
की
खबरें
कुछ
माह
पहले
आई
थीं।
माजिद
जो
फिलहाल
आईएसआईएस
की
कस्टडी
में
है,
शुक्रवार
की
सुबह
भारत
लौटा
है।
माजिद
अपने
आप
वापस
नहीं
लौटा
दरअसल
उसकी
वापसी
के
पीछे
एनआईए
और
आईबी
की
एक
कारगर
रणनीति
थी।
मौत को लेकर कभी नहीं था कोई कंफ्यूजन
वहीं सूत्रों की ओर से जो जानकारी वनइंडिया को मुहैया कराई गई है, उसकी मानें तो माजिद आईएसआईएस के काम करने के तरीकों से काफी दुखी था। जिस समय आईएसआईएस के ठिकानों पर जमकर बमबारी हो रही थी, उसी समय माजिद वहां से निकल पाने में कामयाब हुआ।
लेकिन इसकी मौत की खबर किसी कंफ्यूजन की तरह थी। माजिद ने एनआईए और आईबी के सामने यह दावा किया है कि वह टर्की पहुंचा और फिर वह भागकर भारत आया है। दरअसल माजिद के साथी शाहीन टांकी ने घर पर फोन किया और इस बारे में जानकारी दी थी माजिद की मौत हो चुकी है।
वहीं आईबी के अधिकारियों का कहना है कि उसकी मौत को लेकर कोई भी कंफ्यूजन कभी नहीं रहा। भारत आईएसआईएस में शामिल होने गए युवकों को देश वापस लाना चाहता है और इसलिए माजिद की हर गतिविधि को सीक्रेट रखा गया।
एजेंसियों की मानें तो यह युवा आईएसआईएस के बारे में कई अहम जानकारियां मुहैया करा सकते हैं और इसलिए इनकी वापसी किसी भी कीमत पर काफी जरूरी है।
जल्द ही देश वापस लौटेंगे बाकी युवा
एनआईए के सूत्रों का कहना है कि बाकी युवा भी जल्द ही देश लौट आएंगे। कहा जा रहा है कि माजिद को आईएसआईएस में शामिल होने का काफी मलाल है और उसने इसे अपनी गलती माना है कि वह अपने देश को छोड़कर आईएसआईएस में शामिल होने गया।
फिलहाल माजिद एनआईए की हिरासत में रहेगा। माजिद आईएसआईएस के बारे में कई अहम जानकारियां ली जाएंगी। सूत्रों की मानें तो उसके साथ ही बाकी युवाओं को भी आईएसआईएस ने काफी निराशा है।
इन युवाओं को संगठन में शामिल होने के थोड़ी देर बाद ही अपने वतन वापस आने की इच्छा होने लगी और उन्होंने कई प्रयास भी किए। भारतीय दूतावास से संपर्क साधने की कोशिश भी की। वहीं आईएसआईएस इन्हें आसानी से छोड़ने को तैयार नहीं था। वही नहीं चाहते थे कि आईएसआईएस से जुड़ी कोई भी जानकारी बाहर आए।
भारत ने भी हर गतिविधि पर नजर रखी और इन्हें वापस लाने के सारे प्रयास भी किए। अभी फिलहाल इस बात पर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है कि इन युवकों के खिलाफ कोई केस दर्ज होगा या नहीं। गृह मंत्रालय से चर्चा करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।