कैसे गैरकानूनी टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए हो रही आर्मी ऑफिसर्स की जासूसी!
गुरुवार को उत्तर प्रदेश एटीएस ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज और जासूसी के रैकेट का भांडाफोड़ किया है।जम्मू कश्मीर में मिलिट्री इंटेलीजेंस ऑफिसर्स को आर्मी का अलर्ट नोटिस मिलने के बाद रैकेट का पता चला।
नई दिल्ली। गुरुवार को उत्तर प्रदेश एटीएस ने गैरकानूनी तौर पर चल रहे टेलीफोन एक्सचेंज और एक जासूसी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट और टेलीफोन एक्सचेंज का सामने आना एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई पर आर्मी आफिसर्स और अहम जानकारियां हासिल करने के लिए एक अवैध टेलीफोन एक्सचेंज को खरीदने की खबरें आई थीं।
सीनियर्स के नाम पर हो रही थीं कॉल्स
पुलिस ने गुलशन कुमार सैन नाम के सॉफ्टवेयर इंजीनियर को साउथ दिल्ली के मैहरोली से गिरफ्तार किया है। उस पर पिछले एक वर्ष से इस तरह के एक्सचेंज चलाने का आरोप लगा है। शनिवार को रैकेट के सिलसिले में उससे पूछताछ होगी। इस रैकेट का पता उस समय चला जब आर्मी ने जम्मू कश्मीर में मिलिट्री इंटेलीजेंस के ऑफिसर्स को अलर्ट किया था। कहा जा रहा था कि कुछ ऑफिसर्स को कुछ सीनियर्स की ओर से ऐसी कॉल्स आईं जिनमें उनसे आर्म्ड फोर्सेज के बारे में कई संवेदनशील जानकारियां मांगी गई थी। उनसे ट्रूप्स डेप्लॉयमेंट, स्टाफ की क्षमता और इसके सेनाओं के मूवमेंट से जुड़ी कई संवेदनशील जानकारियां उनसे मांगी गई थी। कई ऑफिसर्स ने इस तरह की जानकारियां दे भी दी क्योंकि जो नंबर उन्होंने बताए वह उनके सीनियर्स से मिलते-जुलते थे। वहीं एक ऑफिसर्स ने जानकारी देने से मना कर दिया और अपने सीनियर्स से सीधे इस मुद्दे पर बात की। जब उसने अपने सीनियर्स से इस बात का जिक्र किया तो उसे पता लगा कि उसके सीनियर ने तो इस तरह की कोई कॉल की ही नहीं थी। तब इस ऑफिसर ने मिलिट्री इंटेलीजेंस को इस बारे में बताया।
पाकिस्तान से हो रही थीं कॉल्स
इंटेलीजेंस ब्यूरों (आईबी) ने करीब 15 दिनों तक जांच की और फिर उसे पता लगा कि दोषी व्यक्ति कॉल कर रहा था वह नकली कॉल थी और सिम भी फ्रॉड थे। कॉलर्स पाकिस्तान के थे और उन्होंने इंटरनेट की मदद से ऑफिसर्स को कॉल की थी जिसके लिए उन्होंने भारत में पैरलेल एक्सचेंजों का प्रयोग किया था। इन कॉल्स को सिम बॉक्स के जरिए व्यॉइस कॉल में बदल दिया जाता था। इसके बाद रिसीवर को फोन स्क्रीन पर सिर्फ भारतीय नंबर ही नजर आते थे। आईबी को इस बात का पता चला कि उत्तर प्रदेश में आईएसआई की जासूसी के लिए कई तरह के एक्सचेंज का प्रयोग हो रहा था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस सिलसिले में एक बड़ा क्रैकडाउन किया और 11 लोगों की हिरासत में लिया। पुलिस को छापे के दौरान 140 प्री-पेड सिम, 10 मोबाइल फोन, 28 डाटा कार्ड और पांच लैपटॉप्स मिले थे। जांच में यह बात भी सामने आई कि सैन ने अपने पिता के नाम पर एक कंपनी भी रजिस्टर कर रखी है। उसने वायरलेस प्रॉडक्ट्स के निर्माण के लिए लाइसेंस भी हासिल किया हुआ है। अब एटीएस उसके बैंक डिटेल्स की जांच कर आईएसआई के रोल का पता लगाएगी।