वादी का मौसम बदलने के लिए साथ अाए सेना और कश्मीरी युवा
श्रीनगर। पिछले कुछ समय से श्रीनगर और घाटी का माहौल सुर्खियों में बना हुआ है। ऐसी सुर्खियां जिनकी वजह से हमारे दिमाग में कश्मीर के लिए एक नकारात्मक छवि बनने लगती है। लेकिन अब जो खबर घाटी से आ रही है, वह निश्चित तौर पर आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है।
कमजोर होंगी आतंकियों की कोशिशें
आप सभी इस बात से वाकिफ हैं कि घाटी में कई आतंकी संगठन अब आईएसआईएस की स्टाइल में प्रपोगंडा वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। इन वीडियो का मकसद भारत सरकार और सेना के खिलाफ एक नकरात्मक माहौल तैयार करना है।
इस कदम के खिलाफ घाटी के कई युवाओं का नया नजरिया घाटी के लिए एक सकारात्मक छवि पेश करने के लिए काफी है। घाटी में युवाओं ने सोशल मीडिया पर कई तरह के ऐसे मैसेज और वीडियो पोस्ट किए हैं जो इन आतंकी संगठनों के लिए एक तगड़ा जवाब है।
सोशल मीडिया बन रहा सहारा
कश्मीर के कई युवाओं ने सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट बनाए हैं। इन अकाउंट्स को करीब से देखने पर पता लगता है कि यहां का युवा अब बेहतर तालीम के रास्तों के बारे में बात कर रहा है। इन पोस्ट्स में टाटा कंसलटेंसी सर्विस की ओर से पिछले दिनों हंदवाड़ा में चलाए गए एक रिक्रूटमेंट प्रोग्राम से जुड़े वीडियोज और फोटोग्राफ्स शामिल हैं।
वहीं सेना भी अब काफी सक्रिय है और सोशल मीडिया के जरिए कश्मीर के बारे में एक सकारात्मक माहौल तैयार करने की कोशिशों में लगी है। आपको कई ऐसी क्लिप्स और मैसेजेस मिल जाएंगे जिसके जरिए सेना इन प्रयासों के बारे में बताने की कोशिश करती नजर आ रही है।
इन प्रयासों में सबसे ऊपर है पिछले वर्ष कश्मीर में आई बाढ़ के दौरान सेना की तत्परता। सेना की ओर से इस आपदा के बाद जो संदेश दिया गया था, 'आपका दर्द भी हमारा ही थी।'
कश्मीर के युवा ही दूर करेंगे गलतफहमियां
कश्मीर में सेना को लेकर कई तरह की गलतफहमियां आज भी मौजूद हैं। इसकी वजह से अलगाववादी संगठन जिन्हें पाकिस्तान की ओर से बढ़ावा मिलता है। इन अलगाववादी नेताओं ने कश्मीर की एक गलत छवि पेश की है।
अब सेना इन सभी प्रयासों को कमजोर करने में लगी हुई है। हाल ही में कई ऐसी पोस्ट्स और वीडियोज जारी किए गए हैं जिनसे यह बात साफ है। वहीं अब कश्मीर के युवा भी सेना के पक्ष में बात करते नजर आ रहे हैं।
घाटी में आतंकी संगठनों को तगड़ा जवाब देने के मकसद से सेना ने कश्मीर के युवाओं की मदद ली है। ये वे युवा हैं जो कश्मीर में अमन और चैन चाहते हैं।
आर्मी की ओर से पोस्ट हो रहे इन वीडियोज में युवा कहते हुए नजर आ रहे हैं, 'घाटी में कोई भी खून-खराबा नहीं चाहता है।' सेना ने फैसला किया है कि वह अपनी छवि को कश्मीर के युवाओं की मदद से सुधारेगी।