अमेजॉन पर ऑनलाइन तिरंगे वाले डोरमैट बेचने पर भारत ने कैसे लिया था एक्शन
ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजॉन की ओर से तिरंगे के अपमान पर केंद्र सरकार ने कंपनी पर अपनाया कड़ा रुख। अमेरिका और कनाडा में दूतावास को दिए आदेश मामले को सख्ती से कंपनी के उच्चाधिकारियों के सामने उठाएं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजॉन के खिलाफ तिरंगे वाले डोरमैट को बेचने पर कड़ा रुख अपना लिया है। भारत ने इस मुद्दे को सख्त तरीके से उठाया है और तिरंगे के अपमान पर कड़ा एतराज जाहिर किया है।
वीजा रद्द करने की धमकी
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जनवरी में धमकी दी थी कि अगर अमेजॉन की वेबसाइट से इन डोरमैट को नहीं हटाया गया तो फिर अमेजॉन के कर्मियों का वीजा रद्द कर दिया जाएगा। अब रायटर्स की ओर से कुछ डॉक्यूमेंट का हवाला देते हुए लिखा गया है कि भारत सरकार इस मुद्दे पर एक कदम आगे गई थी। सरकार ने अमेरिका और कनाडा में मौजूद अपने दूतावास से कहा था कि वह इस मुद्दे को अमेजॉन के टॉप ऑफिसर्स के सामने मजबूती से उठाएं। इस मामले को सीईओ जेफ बेजोस तक पहुंचाया गया। इसके बाद एक ग्लोबल ऑडिट किया गया जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि इस तरह के और उत्पाद लिस्टेड न हों।
अब कंपनी ने बनाया कानून
अमेजॉन ने अब राष्ट्रीय झंडे और दूसरे राष्ट्रीय प्रतीकों पर एक भारतीय कानून बना दिया है। इन कानूनों को कंपनी की आतंरिक प्रक्रिया का हिस्सा रखा गया है। कंपनी की ओर से भारत को जानकारी दी गई है कि इसने अपनी आतंरिक शिकायत इकाईयों को और मजबूत बना दिया है कि ताकि ऐसे मामलों पर नजर रखी जाए। जनवरी में जब यह मामला पहली बार सामने आया था तो भारत ने सख्त लहजे में वेबसाइट को चेतावनी दी थी। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि कंपनी से तुरंत कार्रवाई की उम्मीद करते हैं और साथ ही भरोसा है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा नहीं होंगी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खुद इस मामले पर संज्ञान लिया था। अमेजॉन के वाइस प्रेसीडेंट और यूनिट हेड ने इस पूरे मामले पर माफी भी मांगी थी।