क्लाइमेट चेंज की वजह से 45 मिलियन भारतीयों को रहना होगा गरीबी में!
नई दिल्ली। कल यानी 11 दिसंबर को फ्रांस की राजधानी पेरिस में क्लाइमेट चेंज पर जारी समिट का समापन हो जाएगा। दुनिया के 196 देशों ने इस दौरान क्लाइमेट चेंज को लेकर अपने-अपने प्रस्ताव पेश किए गए।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी इस पर प्रस्ताव दिया गया है। क्लाइमेट चेंज बाकी विकसित देशों की ही तरह भारत के लिए भी क्लाइमेट चेंज एक बड़ी चुनौती है।
वर्ष 2930 में स्थिति होगी भयावह
वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट की मानें तो क्लाइट चेंज की वजह से देश की 45 मिलियन जनसंख्या अगले 15 वर्षों में बेहद गरीबी में रहने को मजबूर होगी। क्लाइमेट चेंज की वजह से वर्ष 2030 तक करीब 189 मिलियन भारतीय गरीबी में रहेंगे।
यानी एक दिन में उनकी इनकम 127 रुपए से भी कम होगी। रिपोर्ट की मानें तो यह संख्या 189 से बढ़कर 234 मिलियन तक हो सकती है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक वर्ष 2011 तक 263 मिलियन भारतीय गरीबी में जीवन जी रहे थे। वर्ल्ड बैंक ने इन आंकड़ों को काफी चौंकाने वाला बताया है।
रिपोर्ट की खास बातें
- क्लाइमेट चेंज की वजह से खेती पर असर पड़ेगा।
- वर्ष 2030 तक दुनिया फसल का उत्पादन 5 प्रतिशत तक गिर जाएगा।
- इसकी वजह से खाद्य पदार्थ और जरूरी अनाज महंगे हो जाएंगे।
- इस हालिया उदाहरण है लगातार बढ़ती महंगाई।
- महंगाई की वजह से वर्ष 2008 में 100 मिलियन लोग गरीबी में जीने को मजबूर हुए।
- वहीं वर्ष 2010-2011 तक दुनिया में 44 मिलियन लोग गरीबी के साथ जी रहे थे।
- रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया का तापमान दो से तीन डिग्री तक बढ़ेगा।
- मलेरिया का खतरा पांच प्रतिशत तो डायरिया का खतरा 10 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।
- श्रमिक क्षमता में भी एक से तीन प्रतिशत तक की गिरावट आएगी।
- लोगों को अपने बजट का करीब 50 प्रतिशत हिस्सा हेल्थ पर खर्च करना होगा।
- बाढ़,सूखा और तापमान बढ़ने जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी आएंगी।
- वर्ष 2030 तक सूखे की वजह से होने वाली मौतों की संख्या में नौ से 17 प्रतिशत का इजाफा होगा।
- वहीं नदियों में बाढ़ आने के खतरे में भी चार से 15 प्रतिशत का इजाफा होगा।