मुलायम सिंह यादव को मानद उपाधि मिलते ही टकराव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को उत्तर प्रदेश के डॉ शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय, लखनऊ ने मंगलवार को डी-लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव की मौजूदगी में दीक्षांत समारोह में दिया गया। उधर डिग्री दी जा रही थी, और इधर राज्यपाल को चिठ्ठी, जिसके चलते इस डिग्री पर टकराव की संभावना बढ़ गई है।
सामाजिक कार्यकता नूतन ठाकुर ने इसस मानद उपाधि दिए जाने को हितों का टकराव बताते हुए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को प्रत्यावेदन प्रेषित किया है।
नूतन ठाकुर ने बताया, "मैंने अपने प्रत्यावेदन में कहा है कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना डॉ शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 द्वारा की गयी थी। इस अधिनियम की धारा 9 में विश्वविद्यालय की साधारण सभा की स्थापना की गयी है जो विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था के रूप में कुलपति की नियुक्ति करता है। धारा 9(2) के अनुसार मुख्यमंत्री साधारण सभा के अध्यक्ष होते हैं"
नूतन ने आगे कहा] "चूँकि मुलायम सिंह को उसी विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि दी जा रही है जहां उनके पुत्र और प्रदेश के मुख्यमंत्री पदेन सर्वोच्च अधिकारी हैं, अतः यह हितों का टकराव होने के साथ प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के भी विपरीत है।"
नूतन ने राज्यपाल को विश्वविद्यालय के विजिटर के रूप में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस मानद उपाधि के सम्बन्ध में पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। खैर अगर राज्यपाल इस पर राज्यपाल ऐक्शन लेते हैं, तो प्रदेश के सीएम और गवर्नर के बीच टकराव हो सकता है।