सरकारी बंगले कब्जाने के मूड में बड़े कांग्रेसी नेता
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) अब तो लगता है कि कांग्रेसी नेताओं को लुटियन जोन के सरकारी बंगलों को छोड़ना बहुत खल जाता है। अंबिका सोनी और शैलजा के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी अपने जंतर-मंतर रोड के सरकारी बंगले को छोड़ने के लिए तैयार नहीं। ये बंगला उन्हें तब मिला था जब वे यूपीए सरकार में मंत्री थे।
परेशान सीएम
अब शहरी विकास मंत्रालय ने उन्हें बंगले को छोड़ने के लिए कहा है। इसके चलते वे परेशान बताए जाते हैं। वीरभद्र सिंह अब केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेकैंया नायडू ने मुलाकात करने का वक्त मांग रहे। वे उनसे मिलना इसलिए ही चाहते ताकि नायडू उन्हें उसी बंगले में रहने की इजाजत दे दें।
इजाजत नहीं
हालांकि नायडू के करीबी जानते हैं कि नायडू नियमों को बहुत गंभीरता से लेते हैं। वे किसी भी हालत में वीरभद्र सिंह को अपने दिल्ली के सरकार बंगले में बने रहने की इजाजत नहीं देंगे। फिलहाल तो वे सिंह से मिल ही नहीं रहे हैं। दरअसल कांग्रेस के कई नेताओं के अपने सरकारी बंगलों पर जमें रहने के कारण बहुत से मोदी सरकार के मंत्रियों को उनके पद के मुताबिक बंगले मिल नहीं पा रहे हैं।
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22 अकबर रोड
उदाहरण के रूप में ग्रामीण विकास मंत्री बीरेन्द्र सिंह को जो बंगला आवंटित हुआ है,उस पर अंबिका सोनी जमी हुई हैं। वे बंगला खाली करने को तैयार नहीं है। ये 22 अकबर रोड का बंगला है। सोनी अड़ी हुई हैं कि वे बंगला नहीं करेंगी खाली। उनका तर्क है कि उनकी वरिष्ठता के हिसाब से उनसे बंगला नहीं लिया जा सकता।
सख्त सरकार
जानकार बता रहे हैं कि सरकार अब सख्त हो रही है। अब वह उन नेताओं को सखती से बंगलों से निकालेगी। उसने अजीत सिंह को उनके तुगलक रोड वाले बंगले से निकाला। अजीत सिंह के बंगले की बिजली-पानी काट दी गई थी।