दूर की संभावना मानिए हेल्थ एटीएम को
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। रुपये के बाद अब दवाइयों के लिए भी हेल्थ एटीएम होगा। इस तरह का दावा किय़ा जा रहा है। हालांकि बैंकों के एटीएम बेहद कम हैं ग्रामीण भारत में, पर दावा करने वाले दावा कर रहे हैं कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ एटीएम का सपना जल्द ही साकार होगा।
गांवों में हेल्थ एटीएम
हेल्थ एटीएम संबंधी दावा किया है स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन विश फाउंडेशन ने। उसका कहना है कि जल्द ही राजस्थान में एक परियोजना की शुरूआत करेगा, जिसके माध्यम से देश भर में राज्य सरकारों की साझेदारी में हेल्थ एटीएम लगाया जाएगा।
अवरोध ही अवरोध
हालांकि हेल्थ सेक्टर से जुड़े कुछ जानकारों को हेल्थ एटीएम के सपने को साकार करने के रास्ते में तमाम अवरोध नजर आ रहे हैं। राजधानी के सफदरजंग अस्पताल के डायरेक्टर रहे डा. एम.पी.श्रीवास्तव कहते हैं कि हेल्थ एटीएम की बात सुनकर तमाम सवाल जेहन में आ रहे हैं। जैसे कि इसमें दवा कौन रखेगा, दवा रखने वाला कहां से पैसा लाएगा एटीएम में रखने के लिए, कौन लोग एटीएम से दवा ले सकेंगे वगैरह। वे सवाल करते हैं कि जब देश के ग्रामीण भागों में बैंकों के ही एटीएम बहुत कम पहुंचे हैं तो एक एनजीओ गांवों में कैसे एटीएम खोल पाएगा। बैंकों के पास तो धन की कोई कमी नहीं है, पर यह बात किसी एनजीओ के लिए कैसे कही जा सकती है।
मामला विचार के स्तर पर
विश फाउंडेशन का कहना है कि वह सरकारी-निजी भागीदारी के माध्यम से इस तरह के हेल्थ एटीएम स्थापित करने पर विचार कर रही हैं। यानी अभी सारा मामला विचार के स्तर पर ही।
हेल्थ विषयों के लेखक विनोद विप्लव कहते हैं कि फिलहाल तो सारी योजना बहुत साफ नहीं दिखती। वे सवाल करते हैं कि इन एटीएम के लिए जगह कौन देगा, कौन इन्हें 24 घंटे देखेगा। वे कहते हैं कि बेहतर तो यह होगा कि गांवों में बढ़िया डिस्पेंसरियां ही खुल जाएं। हेल्थ एटीएम तो बहुत बाद की बात है।
विश फाउंडेशन सबसे पहले राजस्थान, ओडिशा तथा मध्यप्रदेश में हेल्थ एटीएम खोलना चाह रहा है। स्वास्थ्य संबंधी मामलों के जानकार पवन धीर कहते हैं कि इसमें कोई शक नहीं है कि ये सभी राज्य बेहद पिछड़े हैं। यहां की गरीब जनता को कायदे की स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती। इनके लिए कुछ कदम उठाए जाने चाहिए। पर बड़ा सवाल अपनी जगह पर बना हुआ कि हेल्थ एटीएम को शुरू करने के लिए जिस तरह की तैयारी होनी चाहिए,क्या वह पूरी हो गई है?