एचडी देवेगौड़ा ने अखिलेश से कहा आप मेरे दोस्त मुलायम को रुला नहीं सकते
एचडी देवेगौड़ा ने अखिलेश से कहा कि आप अपने पिता को इस तरह से रुला नहीं सकते हैं, वह मेरे अच्छे दोस्त है।
लखनऊ। जिस तरह से समाजवादी पार्टी का झगड़ा सार्वजनिक मंच पर सामने आया और मुलायम सिंह यादव भावकु हो गए उसपर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने नाराजगी जताई है। यही नहीं उन्होंने अखिलेश यादव को कहा है कि तुम मेरे दोस्त को रुला नहीं सकते हो।
यूपी
में
मुलायम
नहीं
अखिलेश
यादव
हैं
मुस्लिम
और
यादव
वोट
बैंक
की
पहली
पसंद
देवेगौड़ा
ने
कहा
कि
आप
मेरे
दोस्त
के
साथ
ऐसा
व्यवहार
नहीं
कर
सकते
हैं,
मुलायम
बड़े
नेता
हैं
और
13
पार्टियों
ने
उन्हें
बतौर
पीएम
बनाने
के
लिए
अपना
समर्थन
दिया
था,
आप
अपने
पिता
को
इस
तरह
से
रुला
नहीं
सकते
हैं।
झगड़े
अच्छा
अपने
पिता
के
पास
जाए,
बात
करें
देवेगौड़ा
ने
अखिलेश
से
अपील
की
है
कि
सार्वजनिक
मंच
पर
झगड़े
से
अच्छा
है
कि
वह
अपने
पिता
के
पास
जाए
और
वह
उनसे
बात
करें।
देवगौड़ा
ने
कहा
कि
मुलायम
को
परेशान
देखकर
वह
दुखी
हैं।
जब
रिक्शे
से
सीएम
आवास
पहुंचे
Paytm
के
सीईओ,
अखिलेश
भी
चौंके
देवेगौड़ा
ने
मुलायम
को
अपना
अच्छा
दोस्त
बताते
हुए
कहा
कि
मुलायम
ने
बहुत
मेहनत
से
पार्टी
को
खड़ा
किया
है
और
उसे
सिद्धांतों
पर
चलाया
है।
उन्होंने
कहा
कि
जो
भी
हो
रहा
है
उससे
मैं
बहुत
दुखी
हूं,
मैं
मुलायम
के
लिए
चिंतित
हूं।
मुलायम
को
पीएम
बनाने
के
लिए
13
पार्टियों
ने
दिया
था
समर्थन
1997
के
दिन
को
याद
करते
हुए
देवेगौड़ा
ने
कहा
कि
जब
उस
वक्त
मैं
पीएम
पद
से
हट
रहा
था
तो
13
पार्टियों
ने
मुलायम
को
पीएम
बनाने
का
फैसला
लिया
था,
मुलायम
के
लिए
लोगों
के
बीच
इस
कदर
इज्जत
थी।
बिना
किसी
विरोध
के
पार्टियो
ने
उन्हें
यह
समर्थन
दिया
था।
हालांकि वीपी सिंह के षड़यंत्र के चलते वह पीएम नहीं बन सके, लेकिन किसी भी पार्टी को मुलायम के पीएम बनने से ऐतराज नहीं था, और वह आज इस दौर से गुजर रहे हैं। देवगौड़ा ने कहा कि सपा का मजबूत होना देश के हित में है, मजबूत विपक्ष देश के विकास के लिए जरूरी है।
देवेगौड़ा
ने
कहा
कि
कुछ
बिचौलिए
परिवार
में
मुश्किल
खड़ी
कर
रहे
हैं।
मुमकिन
है
कि
भाजपा
ने
इसमें
भूमिका
निभाई
हो,
लेकिन
देश
की
राजनीति
के
लिए
यह
दुर्भाग्यपूर्ण
है
जोकुछ
भी
सपा
में
हो
रहा
है।
महागठबंधन
के
लिए
हम
तैयार
थे
गौरतलब
है
कि
पिछले
साल
महागठबंधन
में
देवेगौड़ा
भी
शामिल
थे,
इसपर
उन्होंने
कहा
कि
हमें
मुलायम
को
अपना
नेता
मानने
में
कोई
दिक्कत
नहीं
थी,
हम
सपा
के
चुनाव
चिन्ह
को
भी
मानने
को
तैयार
थे,
लेकिन
कुछ
दिक्कतों
के
चलते
यह
विलय
नहीं
हो
सका।