क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

जानिए हवाला का इतिहास, कैसे आया यह राजनीति में?

Google Oneindia News

नयी दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सियासी भूचाल आ चुका है। आम आदमी पार्टी के चंदे में हवाला के पैसे शामिल होने के लेकर दिल्ली का सियासी तापमान बढ़ा हुआ है। कथित फर्जी कंपनियों से चंदे के आरोप में आम आदमी पार्टी घिरती नजर आ रही है। 'आप' को चार संदिग्ध कंपनियों से मिले दो करोड़ रुपये के चंदे पर कठघरे में खड़ा करने वाले संगठन आप वॉलंटियर्स ऐक्शन मंच ने दूसरा बड़ा आरोप लगाते हुए उनपर हवाला का पैसा लेने का आरोप लगाया। हलांकि ये कोई पहला मामला नहीं है जब किसी राजनीतिक दल पर हवाला के पैसे के लेन-देन का आरोप लगाया गया है।

hawala

कैसे पार्टियों तक पहुंचता है फंड

हलांकि चुनाव आयोग के ऐलान के बाद राजनीतिक दलों की हालत खराब हो गई है। चुनाव आयोग ने ऐलान किया है कि राजनीतिक दलों के फंड और खर्च पर पैनी निगाह रखी जाएगी। इस ऐलान के बाद फर्जी कंपनियों के जरिए राजनीतिक दलों तक फंड पहुंचाने वाले हवाला कारोबारियों की हवाईयां उड़नी तय है। फर्जी कंपनियों के जरिए राजनीतिक पार्टियों को पैसा लेने वाले कारोबारियों के पास इस बात की लालच होती है कि सरकार बनने के बाद उन्हें राजनीतिक पार्टियों से फायदा मिलेगा। कई बार तो बैंक के अधिकारी ही हवाला ऑपरेटरों को इस बात की सलाह देते हैं कि वो फर्जी बैंक अकाउंट खोलकर राजनीतिक दलों को चंदा देकर अपना ब्लैकमनी को सफेद में बदल लें।

क्या है हवाला

हवाला पैसा ट्रांसफर करने का ऐसा तरीका है जिसमें कारोबारी और फंड देने वाले बिजनेसमैन अवैध तरीकों से अपने ब्लैक मनी को व्हाइटमनी में बदलते हैं। लेन-देन में अनाधिकृत रूप से एक देश से दूसरे देश में विदेशी विनिमय किया जाता है अर्थात हवाला विदेशी मुद्रा का एक स्थान से दूसरे स्थान पर गैर कानूनी रूप से हस्तांतरण का ही नाम है इसमें सबसे अहम् भूमिका एजेंट की ही होती है , या यूँ कह सकते है की एजेंटों के ही हवाले से यह कारोबार संचालित होता है इसीलिए इसका नाम हवाला पड़ा। ये पैसा लेन-देन का अवैध तरीका है जिसे हुंडी भी कहते हैं। आज की तारिख में हवाला राजनीतिक दलों और आंतकी संगठनों तक पैसा पहुंचाने का सबसे सरल तरीका है। इसके माध्यम से अवैध तरीकों से धन राजनीतिक पार्टियों और आंतकी संगठन तक पहुंचाया जाता है।

राजनीतिक दलों के फंड में हवाला

2013 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के एक राजनेता ने इस बात का खुलासा किया था कि उसके पास चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त फंड नहीं था। कैपेंन की शुरुआत के साथ ही उन्हें पता चला कि उनके पास चुनाव के लिए पर्याप्त धन नहीं है। ऐसे में उनकी मदद के लिए हवाला कारोबारी सामने आए। एक कंपनी खोली गई। हवलदार के नाम पर कंपनी को रजिस्टर्ड किया गया। विदेश से फंड मंगवाए गए। हवाला के जरिए फर्जी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए। बैंक के मदद से ब्लैकमनी को व्हाइट मनी में बदला गया। हाल ही में हुए खुलासे में पता चला कि विदेशों से फंड ट्रांसफर किए गए।

राजनेताओं को सबसे ज्यादा फायदा

हवाला का पैसा उसे सट्टे की तरह होता है जिसमें उन्हें फायदा होगा या नहीं ये सरकार बनने के बाद ही पता चलता है। ये पैसा सरकार की नजर में नहीं होता इसलिए इसे ट्रैक कर पाना मुश्किल होता है। विदेशों से पैसे मंगवाए जाते हैं। पैसे का ट्रांसफर चुनाव से 1 महीने पहले करवाया जाता है, ताकि चुनाव आयोग में उनके अकाउंट का डिटेल न मालूम हो सके।

क्या है हवाला का इतिहास

हवाला का इतिहास जानने से पहले आपको जैन हवाला स्कैम को नहीं भूलना चाहिए। 18 मिलियन डॉलर के इस घोटाले को अब तक सबसे बड़ा स्कैम माना जाता है। इस हवाला घोटाले में दिखया गया कि कैसे राजनेता और कारोबारी पैसों के ट्रांसफर का अवैध कारोबार करते हैं। इस घोटाले में इस बात का खुलासा हुआ कि विदेश से जिस फंड के द्वारा राजनीतिक दल को पैसा ट्रांसफर किया गया उसी चैनल के जरिए आंतकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन को भी फंड दिए गए थे। इस घोटाले में 115 राजनेता और कारोबारी के साथ कई ब्यूरोकेसी इस घोटाले में शामिल थे। हलांकि सबूते के अभाव में 1997-98 में बचकर निकल गए।

Comments
English summary
When there is an election it goes without saying that there will be hawala. The run up to the Delhi elections have been marred by mud slinging campaigns and the latest controversy to hit the polls is the allegations of hawala transactions.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X