रामपाल को पकड़ने में रोज खर्च हो रहे 6 करोड़, हाथ फिर भी खाली
नयी दिल्ली। एक बाबा जो हरियाणा सरकार और पुलिस प्रशासन को छकाए हुए है। अपने भक्तों और खुद की प्राइवेट आर्मी की बदौलत कानून और पुलिस को नीचा दिखाने में जुटा है। हम इन्हें संत नहीं कह सकते क्योंकि इस बाबा के हठ की वजह से 10 इन मौतों का जिम्मेदार भी रामपाल ही है, जो खुद को कानून से ऊपर मानता है। कोर्ट के आदेश पर जहां हरियाणा पुलिस बाबा को पकड़ने को मजबूर है तो वहीं बाबा के समर्थक है कि वो टस से मस होने को तैयार नहीं है।
संत रामपाल को पकड़ने में हरियाणा सरकार पर दोहरी आफत है। सप्ताह भर में सरकार का लगभग 40 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। सरकारी पानी की तरह पैसा बहा रही है। जिला प्रशासन एक शीर्ष अधिकारी की माने तो बाबा को पकड़ने में जवानों के प्रतिदिन के मूवमेंट पर करीब 6 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।
पिछले 4 दिनों से फोर्स हिसार पुलिस लाइंस और बरवाला में डटी हुई है। पैरा मिलिट्री और हरियाणा पुलिस के 30,000 जवान बाबा को पकड़ने में तैनात हैं। इन जवानों पर प्रति खर्चा 1 हजार रुपए (प्रतिदिन) है। हिसाब लगाए तो इस तरह से कुल खर्चा 3 करोड़ रुपए है।
उसी तरह से करीब 100 आईपीएस और एचपीएस के अधिकारी है जिनका कुल खर्चा 2 लाख रुपए है इसके अलावा रोडवेज का घाटा अलग से है। इसीतरह के और भी कई खर्चे है जिसे जोड़ा जाए तो संत को पकड़ने के लिए रोज 6 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।