एरो-इंडिया 2015- पाक को मुंहतोड़ जवाब देगा एचएएल को एलसीएच
बेंगलुरु [ऋचा बाजेपई]। बेंगलुरु में जारी 10वें एरो-इंडिया शो के दौरान हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के एलसीएच यानी लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर ने भी आसमान में करतब दिखाकर यहां आए दर्शकों का दिल जीता है।
लेकिन एलसीएच सिर्फ आसमान में करतब ही नहीं दिखा सकता, बल्कि मौका पड़ने पर पाकिस्तान जैसे दुश्मनों को मुहंतोड़ जवाब भी दे सकता है। एरो इंडिया शो के दौरान वनइंडिया ने इसके पायलटों से बात की और इस लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर के बारे में जाना।
कारगिल जैसे हालातों में भी कारगर
वर्ष 1999 में हुए कारगिल वॉर के समय भारत को शुरुआती दौर में दुश्मन से मुंह की खानी पड़ी थी क्योंकि उस समय दुश्मन ऊंचाई पर था। रात में लड़ाई लड़ी जाती थी और दिन में पूरी योजना बनाई जाती। देश के पास लाइट
कॉम्बेट हेलीकॉप्टर न होने की वजह से काफी खामियाजा भुगतना पड़ा। हमने एलसीएच के चीफ पायलट उन्नी से जानने की कोशिश कि क्या करगिल के मुश्किल हालातों में जहां दुश्मन ऊंचाई पर बैठकर हमारी हरकतों पर नजर रखता है, एलसीएच कारगर साबित होगा।
उनका जवाब था कि यह बहुत सफल साबित होगा। एलसीएच में इंस्टॉल एयर टू ग्राउंड मिसाइलों की रेंज आठ किमी तक है और यह मिसाइल अपने लक्ष्य को पूरी ताकत के साथ भेद डालती है।
यह सीधा दुश्मन पर हमला करेगा। ऐसे में इस बात की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं कि यह हेलीकॉप्टर पाक की हरकतों का सटीक जवाब देगा या नहीं।
एलसीएच जैसा कोई नहीं
चीफ पायलट उन्नी से हमने एलसीएच की मैन्यूवरबिलिटी के बारे में जाना। उन्होंने बताया कि जो काम एलसीएच कर सकता है वह कोई और हेलीकॉप्टर कर ही नहीं सकता है। यह बहुत ही ज्यादा गतिशील है।
उन्नी की मानें तो एलसीएच गतिशीलता का बेहतरीन मिश्रण है। उन्होंने कहा कि यह किसी भी मौसम में उतनी ही गतिशीलता के साथ आसमान में दुश्मनों पर नजर रख सकता है।भारत को पिछले कई वर्षों से एक ऐसी हेलीकॉप्टर की कमी खल रही थी। हालांकि एचएएल ने ध्रुव और रुद्र जैसे हल्के हेलीकॉप्टर भी तैयार किए हैं लेकिन एलसीएच उनसे अलग है।
यह एरो इंडिया है कुछ अलग
हमने चीफ पायलट उन्नी से पूछा कि वर्ष 2013 की तुलना में वर्ष 2015 का एरो इंडिया कितना अलग है। उन्होंने कहा, 'वर्ष 2013 या उससे पहले जितनी बार भी एरो इंडिया आयोजित हुआ फ्लाइंग और डिस्प्ले पर था। लेकिन
इस वर्ष जो एरो इंडिया आयोजित हुआ है, वह देश में बनने वाले रक्षा उत्पादों और इनकी काबिलियत को दुनिया के सामने लाने के मकसद से हुआ है। इसका फोकस भी यही है।
इस वर्ष एरो इंडिया का फोकस ज्यादा से ज्यादा बिजनेस पर है और यह एचएएल जैसी स्वदेशी कंपनियों के लिए काफी अच्छी बात है।' चीफ पायलट उन्नी की मानें तो कहीं न कहीं इस वर्ष का एरो-इंडिया शो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया अपील को एक नई ऊंचाईयों पर लेकर जाने वाला साबित हुआ है।