हाजी अली दरगाह ही नहीं इन धार्मिक स्थलों में महिलाओं की एंट्री से बैन हटा
हाजी अली दरगाह से पहले शनि शिंगणापुर मंदिर में भी महिलाओं के प्रवेश को इजाजत दी गई। हालांकि महिलाओं के प्रवेश वाले इन धार्मिक स्थलों में एंट्री को लेकर महिलाओं को बड़ा आंदोलन करना पड़ा।
नई दिल्ली। हाजी अली दरगाह में महिलाओं की एंट्री से बैन से हट गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दरगाह प्रबंधन महिलाओं को प्रवेश देने के लिए तैयार हो गया है। ये कोई पहला मामला नहीं है जब किसी धार्मिक स्थल में महिलाओं की एंट्री से बैन हटा है।
प्रबंधन माना, हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश को मिली इजाजत
आंदोलन के बाद महिलाओं की एंट्री का खुला रास्ता
हाजी अली दरगाह से पहले शनि शिंगणापुर मंदिर में भी महिलाओं के प्रवेश को इजाजत दी गई। हालांकि महिलाओं के प्रवेश वाले इन धार्मिक स्थलों में एंट्री को लेकर महिलाओं को बड़ा आंदोलन करना पड़ा।
समंदर के बीच में होते हुए भी आखिर क्यों नहीं डूबती हाजी अली की दरगाह?
हाजी अली दरगाह हो या फिर शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की मांग भूमाता ब्रिगेड की तृप्ति देसाई ने दोनों ही धार्मिक स्थलों में एंट्री के लिए आंदोलन किया। जिसका असर भी हुआ है।
हाजी अली दरगाह में अब होगी महिलाओं की एंट्री
हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चली आ रही बहस पर लगाम लग गई है। हाजी अली दरगाह प्रबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए महिलाओं को प्रवेश को रजामंदी दे दी है।
इसी के साथ श्राइन बोर्ड ने मान लिया है कि वो बांबे हाईकोर्ट के फैसले को मानते हैं। दरगाह प्रबंधन ने कहा है कि इस महीने तक महिलाओं को दरगाह में एंट्री की इजाजत दे दी जाएगी। इसके लिए जरूरी तैयारियां जल्द पूरी कर ली जाएगी।
दरगाह प्रबंधन ने दी मंजूरी
हाजी अली दरगाह प्रबंधन के इस फैसले के बाद महिलाओं के लिए ये बड़ी जीत है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश के कई ऐसे पवित्र स्थल हैं जहां महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। हाजी अली दरगाह प्रबंधन ने कोर्ट में बताया कि अब महिलाओं को पुरुषों की तरह ही प्रवेश की इजाजत होगी। महिलाओं को दरगाह के अंदर प्रवेश दिया जाएगा।
इसके लिए खास योजना के तहत अलग रास्ता बनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद माना दरगाह प्रबंधन बता दें कि हाजी अली दरगाह में प्रवेश को लेकर महिला संगठनों ने प्रदर्शन किया था। तृप्ती देसाई के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाओं ने इसी साल बड़ा प्रदर्शन किया।
शनि शिंगणापुर में महिलाओं को मिली पूजा की इजाजत
महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर में 400 साल पुरानी परंपरा टूट गई। यहां महिलाओं को पूजा करने की इजाजत अप्रैल 2016 में मंदिर ट्रस्ट ने दे दी। महिलाओं को पूजा का अधिकार दिए जाने से महिलाओं में खुशी का माहौल है। महिलाओं की एंट्री को लेकर तृप्ति देसाई ने आंदोलन छेड़ा था।
भले ही शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को पूजा की मंजूरी दे दी गई हो। बावजूद इसके शनिदेव की शिला पर तेल अभिषेक पर रोक जारी है। अब तक पुरुषों को तेल अभिषेक का अधिकार था लेकिन उस पर भी रोक लगा दी गई है। केवल मंदिर के पुजारी ही मंदिर में तेल अभिषेक कर सकते हैं।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर में महिलाओं को सशर्त प्रवेश की इजाजत
महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में महिलाओं को प्रवेश का आदेश दे दिया गया है। हालांकि ये प्रवेश को लेकर मंदिर ट्रस्ट ने सशर्त अनुमति दी है। इसके मुताबिक महिलाओं को भगवान शिव के प्रख्यात मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के लिए कुछ शर्तों को मानना होगा।
इसके मुताबिक महिलाओं को रोजाना एक घंटे त्र्यंबकेश्वर मंदिर में प्रवेश की अनुमति रहेगी। इसके लिए जरूरी होगा कि महिलाएं सूती या फिर सिल्क के कपड़े पहनकर प्रवेश करें। गर्भगृह में पूजा अर्चना के लिए ये शर्त मानना जरूरी होगा। हालांकि ट्रस्ट की इस शर्त को लेकर विवाद भी चल रहा है।