राष्ट्रपति बोले- मुझे पूरा भरोसा था GST एक दिन लागू होगा
राष्ट्रपति मुखर्जी जब वित्त मंत्री थे, तब उन्होंने भी जीएसटी को स्वरूप देने में काफी बड़ी भूमिका निभाई थी। यही कारण रहा है कि प्रणब मुखर्जी जीएसटी को लेकर थोड़ा भावुक नजर आए।
नई दिल्ली। 30 जून शुक्रवार की आधी रात से देश भर में जीसटी लागू हो गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसे लॉन्च किया। इस मौके पर संसद के सेंट्रल हॉल में समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर सबसे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली, उनके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सबको संबोधित किया। आखिर में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का संबोधन हुआ।
राष्ट्रपति मुखर्जी जब वित्त मंत्री थे, तब उन्होंने भी जीएसटी को स्वरूप देने में काफी बड़ी भूमिका निभाई थी। यही कारण रहा है कि प्रणब मुखर्जी जीएसटी को लेकर थोड़ा भावुक नजर आए। हालांकि, तब वह कांग्रेस में थे, जो कि आज विपक्ष में है और उसने कार्यक्रम का बहिष्कार किया। इसी कारणवश पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी समारोह में नहीं आ सके।
जीएसटी लॉन्चिग के मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि ये एक ऐतिहासिक मौका है, अब हम एक नई टैक्स व्यवस्था को अपनाएंगे। यह मौका व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए बेहद खास है। मुझे पूरा भरोसा था जीएसटी आखिरकार लागू होगा।जीएसटी काउंसिल ने अच्छा काम किया, जीएसटी एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा। जीएसटी से टैक्स व्यवस्था पारदर्शी होगी। शुरुआत में कुछ परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन जीएसटी से बहुत बड़ा बदलाव आएगा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जीएसटी आधुनिक तकनीक के जरिए चलाया जाएगा। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इस पुरानी व्यवस्था को हटाने के साथ ही हमें एक नई और मजबूत व्यवस्था लेकर आनी थी। जीएसटी को लागू करने के लिए नेताओं के साथ-साथ अधिकारियों ने भी काफी मेहनत की है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि ये केंद्र और राज्य का ज्वाइंट फोरम है। यह याद रखने योग्य है कि 18 बैठकों के दौरान सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए गए। उन्होंने कहा कि ये मेरे लिए निजी तौर पर संतुष्टि का समय है, क्योंकि वित्त मंत्री रहते हुए मैंने भी इसमें काफी समय लगाया है।
इस अहम मौके पर राष्ट्रपति ने कहीं ये अहम बातें
- गौर करने लायक बात है कि जीएसटी काउंसिल की 18 बैठकें हुईं और उनमें सारे फैसले आम सहमति से लिए गए।
- वर्षों पहले शुरू हुए लंबे सफर के पूरा होने का यह ऐतिहासिक मौका है।
- जीएसटी देश भर की तमाम राज्यों की सरकारों के बीच सहमति और देश हित के लिए सबके साथ आने का प्रतीक है।
- यह एक लंबी प्रक्रिया का हिस्सा है। इस पर सालों-साल चर्चा हुई है।
- मौजूदा और पूर्व के सांसदों ने इस पर लगातार बात की है। इस सतत प्रयास का ही परिणाम है कि हम आज जीएसटी को साकार होते देख रहे हैं।
- जब संविधान बना तो देश के लिए समान अधिकार और समान अवसर की व्यवस्था खड़ी हुई।
- आज जीएसटी एक तरह से सभी राज्यों के मोतियों को एक धागे में पिरोने का काम कर रहा है