पाक से घुसपैठ रोकने को सरकार का बड़ा कदम, सीमा पर होंगे ये बदलाव
नई दिल्ली। सीमापार से लगातार घुसपैठ की कोशिश और आंतकी हमलों से बचने के लिए भारत सरकार ने पाक से लगती सीमा पर सुरक्षा के लिए बड़े बदलावों को मंजूरी दी है।
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एक के बाद एक आतंकी हमलों को लेकर देश में चिंता है। हमलों में सीमापार से आए आतंकियों के शामिल होने के चलते सरकार और सुरक्षा एजेसिंया इस बात को लेकर लंबे समय से विचार कर रही हैं कि सीमापार से घुसपैठ कैसी रोकी जाए।
पठानकोट हमले के बाद गृहमंत्रालय ने पूर्व केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता की अध्यक्षता में एक कमैटी गठित की थी। कमेटी ने घुसपैठ रोकने और सुरक्षा पुख्ता रोकने के लिए जो सिफारिशें दी हैं, उन पर गृहमंत्रालय ने मुहर लगा दी है।
इन सिफारिशों पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव राजीव महर्षि, रॉ और आईबी के प्रमुखों की मौजूदगी में विचार-विमर्श के बाद फैसला लिया गया।
तकनीक होगी मजबूत, सीमा पर लगेंगे सेंसर
इन सिफारिशों को सरकार की हरी झंडी के बाद भारत पाकिस्तान के साथ लगती अपनी सीमा पर सुरक्षा में कुछ बदलाव करने जा रहा है, जिससे इसे अभेद बनाया जा सके और उस तरफ से घुसपैठ को रोका जा सके।
भारत के चार राज्यों (जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात) की 3323 किमी की सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है। सरकार ने कमैटी की सीमा पर सुरक्षा में तकनीक के इस्तेमाल की सिफारिश को मंजरी दे दी है।
मरे हुए कुत्तों को कंधे पर टांगकर कांग्रेस (एम) के कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन
कमैटी कीमरे हुए कुत्तों को कंधे पर टांगकर कांग्रेस (एम) के कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन सिफिरिश के मुताबिक, बॉर्डर पर अब ग्रिड बेस सिस्टम अपनाया जाएगा। इसमें सेटेलाइट और सर्विलांस के जरिए बॉर्डर की निगरानी की जाएगी। बीएसएप को हाइ-टेक्नोलॉजी की जानकारी भी दी जाएगी। घुसपैठ को रोकने में इसकी महत्ता तो देखते हुए ग्रिड बेस सिस्टम को जल्दी ही लागू किया जा सकता है।
कमैटी के सुझाव के अनुसार, सीमा पर लगने वाली बाड़ को स्मार्ट बाड़ बनाया जाएगा, बाड़ को सर्विलांस से जोड़ा जाएगा। जो किसी के आने पर इसका सिग्नल देगा। जिससे दूर-दराज के इलाकों में बॉर्डर पर सैनिको पर भार कम होगा और उन्हें पैदल निगरानी भी कम करनी होगी। स्मार्ट बाड़ के बाद 100 सैनिकों का काम दो सैनिक कर सकते हैं।
1980 में लगी लाइट्स बदली जाएंगी
कमैटी ने सुझाव दिया है कि कैमरों की जगह जमीन के अंदर सेंसर का इस्तेमाल किया जाए। इसके अलावा बॉर्डर के आसपास सड़कों के निर्माण पर भी ध्यान देने की बात कमैटी ने कही है।
सरकार ने पंजाब बॉर्डर पर 1980 में लगाई गई बाड और लाइट्स की भी मरम्मत का फैसला किया है। जिससे रात के वक्त बॉर्डर की निगरानी हो सके।
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पानी के भीतर सुरक्षा पुख्ता करने के लिए लेजर और पानी के अंदर काम करने वाले सेंसर का इस्तेमामल किया जाएगा। साथ ही कुछ लेजर किरणों की जगह इंफ्रा रेड किरण की तकनीक के इस्तमाल पर भी काम हो रहा है। ये किरणें दिखती नहीं है, इसलिए शत्रु इसके जाल में फंस सकता है।
पाकिस्तान के साथ लगने वाली सीमा पर पानी में सुरक्षा के लिए लेजर तकनीक, जमीन के भीतर सेसंर तकनीक और सीमा पर बाड़ को हाइटेक करने में 1000 करोड़ के खर्च का अनुमान है।