समलैंगिकता को अपराध मानने वाली BJP करेगी अनके अधिकारों की रक्षा
हालांकि जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिकों के बीच शारीरिक संबंधों को भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत अपराधिक कृत्य ठहराए जाने के फैसले का समर्थन करती है तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अपने एक फैसले में समलैगिंकों के शारीरिक संबंध को आपराधिक कृत्य ठहराते हुए इसमें सजा का प्रावधान सुनाया था। भाजपा ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था।
उस समय भाजपा विपक्ष में थी और उसने कहा था कि इस संबंध में सरकार को निर्णय लेना चाहिए और पार्टी उस आधार पर ही अपना रुख अख्तियार करेगी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट इस मामले में एक सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई कर रहा है। भाजपा के अगल-अलग नेता समलौगिंकों के मुद्दे पर अलग-अलग राय रखते हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने समलैंगिक संबंधों को 'अप्राकृतिक' बताया था। जबकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उस वक्त आए करोर्ट के फैसले पर समलैगिंकों के प्रति थोड़ी उदारता दिखाई थी।