आधार कार्ड के रिकॉर्ड 7 साल तक रखेगी सरकार, हो सकता है सर्विलांस
नई दिल्ली। आधार कार्ड को लेकर बने नए नियम के तहत अब सरकार आपकी हर उस सेवा और लाभ की पूरी जानकारी रखेगी, जो आपको आधार कार्ड का इस्तेमाल करके मिला है। अब इस बात का डर है कि इस तरह से जुटाई कई जानकारी यूजर के सर्विलांस के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।
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आपको बता दें कि यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) द्वारा देश के नागरिकों को एक 12 अंकों की बायोमीट्रिक पहचान दी गई है, जिसे अब इस बात का रिकॉर्ड रखना होगा कि किसी व्यक्ति ने कहां-कहां अपने आधार कार्ड को इस्तेमाल किया है।
सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसायटी के डायरेक्टर सुनील अब्राहम ने कहा कि यह डेटा का रिकॉर्ड रखने के लिए बहुत ही अभूतपूर्व प्रावधान है। यूआईडीएआई के सीईओ एबीपी पांडे ने कहा कि यह मामला बहुत ही गंभीर है।
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एबीपी पांडे के अनुसार सितंबर में आए इस नए नियम के तहत यूजर्स का डेटा दो साल के लिए ऑनलाइन रखा जाएगा, जबकि इसके बाद 5 साल के लिए इसे ऑफलाइन रखा जाएगा। इस तरह उनके अनुसार कोई भी यूजर अपने रिकॉर्ड को 2 साल तक देख सकेगा।
पांडे के अनुसार यह डेटा देखने के लिए सुरक्षा एजेंसियों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। हालांकि, उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ये रिकॉर्ड देखने की अनुमति तभी होगी, जब जिला जज की इजाजत ली गई होगी।
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सुनील अब्राहम कहते हैं कि एक बार जब आधार सभी सेवाओं के लिए जरूरी हो जाएगा, तो यह किसी भी ग्राहक के 360 डिग्री सर्विलांस के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
यूआईडीएआई रोजाना करीब 50 लाख आधार नंबरों का ऑथेन्टिकेशन करता है, जो एलपीजी सब्सिडी, राशन कार्ड और पासपोर्ट के लिए भेजे जाते हैं। आपको बता दें कि यूआईडीएआई रोजाना 10 करोड़ नंबरों का ऑथेन्टिकेशन कर सकता है।
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यूआईडीएआई के एबीपी पांडे ने कहा कि हम ऑथेन्टिकेशन के पीछे का उद्देश्य रिकॉर्ड नहीं करेंगे, बल्कि सिर्फ उस एजेंसी की डीटेल रिकॉर्ड की जाएंगी, जो ऑथेन्टिकेशन भेजेगी।