आज सुप्रीम कोर्ट में खुलेंगे ब्लैक मनी रखने वालों के नाम
नई दिल्ली। मंगलवार को स्विस बैंकों में जमा काले धन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाए जाने के बाद आज सरकार कोर्ट में काला धन रखने वाले सभी खाताधारकों के नाम सार्वजनिक कर देगी।
एक बंद लिफाफे में सरकार की ओर से इस लिस्ट को सुप्रीम कोर्ट में सौंपा जाएगा। गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आखिर सरकार क्यों उन लोगों को बचाने का काम कर रही है जिन्होंने विदेशी बैंको में काला धन जमा किया था।
सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को सुप्रीम कोर्ट ने खूब फटकार लगाई थी। आपको बता दें कि केंद्र ने कोर्ट से सभी नामों का खुलासा करने के आदेश में बदलाव करने की गुजारिश की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वह एक बंद लिफाफे में इन सभी नामों को कोर्ट में पेश करे। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की ओर से जानकारी दी गई है कि सरकार को जर्मनी और दूसरे देशों से 500 भारतीयों के नाम मिले हैं जिनके विदेशी बैंकों में खाते हैं।
काले धन से जुड़े कुछ खास आंकड़ें
- विदेशी बैंकों में कितना काला धन जमा है, इसका कोई भी आधिकारिक आंकड़ा फिलहाल नहीं है।
- वर्ष 2011 में उस समय की यूपीए सरकार की ओर से काले धन का पता लगाने के लिए एक थिंक टैंक का गठन किया गया था।
- इस थिंक टैंक की फाइनल रिपोर्ट अभी तक सरकार के पास नहीं आई है।
- वाशिंगटन के एक थिंक टैंक ग्लोबल फाइनेंशियल इंटीग्रिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 1948 से वर्ष 2008 के बीच भारतीयों ने करीब 28.6 लाख करोड़ रुपए काले धने के रूप में विदेशी बैंकों में जमा किया।
- यह रकम भारत की जीडीपी का करीब 25 प्रतिशत यानी 1.8 ट्रिलियन डॉलर है।
- सीबीआई के पूर्व निदेशक एपी सिंह के मुताबिक विदेशी बैंकों में जमा काले धन का आंकड़ा 500 बिलियन डॉलर यानी 31.4 लाख करोड़ है।
- वर्ष 2011 में बीजेपी टास्क फोर्स की ओर से जो रिपोर्ट तैयार की गई उसके मुताबिक यह आंकड़ा 1.4 ट्रिलियन डॉलर यानी 86.8 लाख करोड़ रुपए है।
- वर्ष 2012 की तुलना में वर्ष 2013 में भारतीयों की ओर से विदेशी बैंकों में जमा काले धन की रकम में 42 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
- दिसंबर 2013 तक अकेले स्विस बैंको में जमा भारतीयों के काले धन का आंकड़ा 14,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
कब-कब क्या क्या हुआ
वर्ष 2009- जर्मनी की ओर भारत को वह लिस्ट सौंपी गई जिसमें उसके देश के लिचेंस्टाइन बैंक में जमा काले धन के खाताधारकों के नाम थे।
वर्ष 2009- इस लिस्ट के आधार पर ही वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी की ओर से एक पीआईएल दायर की गई जिसमें सरकार से काला धन वापस लाने की मांग थी।
वर्ष 2011-फ्रांस ने जिनेवा के एचएसबीसी बैंक में मौजूद 782 भारतीय खाताधारकों के नामों वाली लिस्ट भारत को सौंपी।
मई 2014-केंद्र में आई नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से इस पूरे मसले पर एक एसआईटी बनाई गर्इ।
अक्टूबर 2014-अपने रुख से पलटते हुए सरकार ने कहा कि इन खाताधारकों के नाम उजागर करना टैक्स संधि के खिलाफ होगा।