जानिये क्यों कालाधन बचाने के लिए दुबई को फोन बजने लगे, क्यों सांसदों के हाथ पैर फूले
बेंगलुरू। कालाधन देश देश का सबसे बड़ा राजनैतिक मुद्दा है, जिसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे विदेश से वापस लाने के लिए कई अहम कदम भी उठाये हैं। लेकिन कालाधन को वापस लाना केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है जिसे केंद्र सरकार खुद मानती है।
केंद्र
सरकार
के
लिए
कालाधन
बड़ी
चुनौती
एक तरफ जहां वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हर मांग को खारिज कर दिया जिसमें उनसे कालाधन धारकों के नाम पूछा है। वहीं इन सब के बीच केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती यह है कि ऐसे कई तत्व सक्रिय हो गये हैं जो इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि विदेश में जमा कालाधन किसी और का दिखा दिया जाए और भारत सरकार की एजेंसियों की नजर में आने से बच सकें।
कालाधन
के
कारोबारी
कर
रहे
दुबई
फोन
केंद्र सरकार और स्पेशल इंवेस्टिंगेशन टीम ने कई ऐसे फोन कॉल को रिकॉर्ड किया है जो दुनिया के कई देशों में कालाधन के लिए की गयी हैं। लेकिन खुफिया विभाग का कहना है कि सबसे ज्यादा फोन दुबई में किये गये हैं।
फोन करने वालों में कई लोग काले धन को भारत से बाहर भेजना चाहते हैं और उसे दुबई में जमा कराना चाहते हैं। यही नहीं जिन लोगों को यह फोन किये जा रहे हैं वो भारतीय नहीं हैं। यह लोग पैसे को हवाला के जरिए दुनिया के कई देशों में खासकर दुबई में भेजना चाहते हैं।
आयकर
विभाग
का
फंदा
कस
रहा
है
हालांकि यहां यह गौर करने वाली बात है कि जिन लोगों ने यह पैसा बैंकों में गुप्त तरीके से जमा कर रखा है, वो अभी भी अपना पैसा बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इन लोगों को इस बात की जानकारी है कि आयकर विभाग का फंदा कभी भी इनके गले तक पहुंच सकता है। ऐसे में इन लोगों के लिए इस पैसे को बचा पाना काफी मुश्किल हो रहा है।
ईडी
और
सीबीआई
कर
रहीं
मामले
की
जांच
खुफिया
विभाग
ने
जिन
फोन
कॉल्स
को
रिकॉर्ड
किया
है
उसकी
ईडी
और
सीबीआई
जांच
कर
रही
है।
दोनों
ही
एजेंसिया
काले
धन
के
इस
कारोबार
को
बचाने
के
लिए
विदेशों
में
की
गई
काल्स
की
जांच
कर
रही
हैं।
वहीं
ईडी
इस
बात
की
जांच
कर
रही
है
कि
यह
पैसा
कहां
भेजे
जाने
की
योजना
बनायी
जा
रही
है।
वहीं सूत्रों का कहना है कि अगर इस पैसे को कहां भेजा जा रहा है कि इसकी धरपकड़ हो गयी तो काला धन को वापस भारत लाना काफी आसाना हो जाएगा। वहीं इस काले कारोबार में लिप्त लोगों की यह पूरी कोशिश है कि वो इस जांच से बच सके और हवाला के जरिए अपना पैसा विदेश में भेज सके।
कालेधन
के
पीछे
सांसदों
का
गिरोह
वित्त
मंत्री
को
कई
ऐसी
अपील
सांसदों
से
मिल
रही
है
जिसमें
वो
उनसे
इस
मामले
की
जांच
को
धीमा
करने
की
गुजारिश
कर
रहे
हैं।
1
लाख
रुपए
से
अधिक
की
धनराशि
की
निकासी
और
जमा
करने
को
जरूरी
बनाना
इन
लोगों
के
लिए
सबसे
बड़ी
मुश्किल
का
सबब
है।
सांसद
की
लॉबी
बना
रही
मोदी
सरकार
पर
दबाव
वहीं जो एक दूसरा प्रस्ताव ये सांसदों का गुट चाहता है वह यह है कि 20000 रुपए की धनराशि को रीयल स्टेट में खर्च करने पर भी पाबंदी लगा दी गयी है, उसे हटा लिया जाए। वहीं सासंदों की एक मुख्य चिंता यह भी है कि कालाधन में जो सजा का प्रावधान है वह भी काफी सख्त है।
इस मामले में आरोपी को कई साल जेल के पीछे बिताना पड़ सकता है। सांसदों का एक बड़ा तबका वित्त मंत्री पर इस बात का दबाव बना रहा है कि जिन लोगों ने अपने आय का खुलासा नहीं किया उन्हें 10 साल की जेल की सजा हो उसे कम किया जाये।
सांसद
चाहते
हैं
सजा
कम
की
जाए
जो सांसद इस सजा का विरोध कर रहे हैं उनका तर्क है कि इस सजा के प्रावधान का गलत रारजनैतिक इस्तेमाल हो सकता है। वहीं इन सांसदों का कहना है कि आयकर विभाग के अधिकारी इस सजा के माध्यस लोगों का शोषण कर सकते हैं।
वित्त
मंत्री
की
दो
टूक
हालांकि वित्त मंत्री ने इस सभी अपीलों को खारिज कर दिया है। मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि जो भी कानून इसके लिए बनाये गये हैं उसे वापस नहीं लिया जाएगा। सरकार काला धन के मामले को लेकर काफी गंभीर है।