देश में 14 लाख करोड़ रुपए के 500-1000 के बेकार नोटों का क्या होगा?
पीएम नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद कागज के टुकड़े बनकर रह गए करोड़ों के नोट। सर्कुलेशन में 500-1000 के 22 अरब नोट।
दिल्ली। देश में काले धन पर नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा हमला बोलते हुए 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद कर दिया। अभी बाजार में जितने भी नोट चल रहे हैं, उनका 86 प्रतिशत हिस्सा यानि 14 लाख करोड़ का कैश 500 और 1000 रुपए की करेंसी में है।
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बेकार हो गए करोड़ों के नोट
पीएम नरेंद्र मोदी की घोषणा के साथ ही बाजार में चल रहे 500 और 1000 रुपए के नोट चलन से बाहर हो गए और लगभग 14 लाख करोड़ रुपए के ये नोट बेकार हो गए।
रिजर्व बैंक के अनुसार, इनमें 7.85 लाख करोड़ रुपए, 500 रुपए करेंसी में हैं और 6.33 लाख करोड़ रुपए 1000 रुपए के नोट में हैं।
सरकार का यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था में काले धन पर अंकुश लगाने में तीन तरह से प्रभावी होगा।
घोषणा के तीन प्रभाव
1. अचानक की गई इस घोषणा से घर या कहीं पर काले धन के तौर पर नोट जमा करनेवाले भारतीयों पर सीधा असर पड़ेगा। उनके पास अब दो ही रास्ते बच गए हैं - या तो उनको अपने खाते में पैसा जमा करना होगा या फिर उन पैसों को 24 नवंबर 2016 तक एक्सचेंज करना होगा।
15 दिनों तक एक्सचेंज के लिए 4000 रुपए की लिमिट रखी गई है। 10 नवंबर से 24 नवंबर के बीच लोग 60,000 रुपए तक एक्सचेंज करवा सकेंगे। इस डेट के बाद एक्सचेंज लिमिट को बढ़ाया जाएगा। खाते में पैसा जमा करने पर कोई लिमिट नहीं है।
2. भारत सरकार ने अघोषित आय की घोषणा की आखिरी तिथि 30 सितंबर 2016 रखी थी। इसके बाद अब काले धन के रूप में रखे गए रुपयों की घोषणा नहीं की जा सकती, जिस वजह से ये नोट महज कागज के टुकड़े बनकर रह गए।
3. भारत में होने वाले चुनाव में वोट के बदले कैश दिए जाने का चलन है। 500 और 1000 के नोट बंद होने से चुनाव में काले धन के इस्तेमाल और वोट खरीदने पर तत्काल रोक लगेगी।
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जारी होंंगे 2000 के नोट
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2011 से 2016 के बीच कुल बैंक नोटों में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इनमें 500 रुपए के नोटों में 76 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जबकि 1000 रुपए के नोटों में 109 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
अब 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए जाएंगे जिसकी मॉनिटरिंग और रेगुलेशन का काम आरबीआई करेगी।
इन 2000 और 500 के नोटों में नैनो चिप नहीं लगी होगी और ना ही इसे ट्रैक किया जाएगा, जैसा कि ह्वाट्सएप पर वायरल मैसेज में कहा जा रहा है।
जनवरी 2014 में भी सरकार ने 500 रुपए के पुराने नोटों को सर्कुलेशन से हटाकर नए नोट जारी किए थे।
1000 का नोट था सबसे सस्ता नोट
भारत में नोटों के छापने में हुए खर्च के आधार पर 1000 का नोट सबसे सस्ता है। 1000 नोट को छापने पर इसके फेस वैल्यू का महज 0.32 प्रतिशत खर्च होता है जबकि 100 का नोट छापने पर इसके फेस वैल्यू का 1.8 प्रतिशत खर्च होता है। 50 के नोट पर इसके वैल्यू का 3.6 प्रतिशत और 10 के नोट को प्रिंट करने पर इसके फेस वैल्यू का 9.6 प्रतिशत खर्च आता है।
देश में सर्कुलेशन में 15.7 अरब 500 रुपए के नोट हैं जबकि 1000 रुपए के नोटों की संख्या 6.3 अरब हैं। इसलिए आधी रात के बाद कुल 22 अरब नोट बेकार हो गए।
खाताविहीन लोगों के खुलेंगे खाते
सरकार की इस घोषणा का एक फायदा यह भी होगा कि जिन लोगों के पास बैंक अकाउंट नहीं हैं, उनको भी अब घर में पड़े कैश को रखने के लिए खाता खुलवाना होगा।
इस घोषणा से सोना-चांदी के कारोबार और रियल स्टेट पर बुरा असर पड़ने के आसार हैं क्योंकि ये इन दो सेक्टर्स में कैश में ज्यादातर ट्रांजेक्शंस होते हैं।
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(वागमारे इंडियास्पेंड में एनालिस्ट हैं।)