नक्सलियों से लोहा लेने के लिए पहली बार महिला कमांडो को किया गया तैनात
पहली बार नक्सलियों से लोहा लेने के लिए महिला कमांडो को किया गया तैनात, रांची के जंगलों में यह महिलाएं करेंगी बड़ा अभियान
रांची। पहली बार सीआरपीएफ ने महिला कमांडो को झारखंड में नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किया है। 232 डेल्टा बटालियन की 135 महिला कमांडो को रांची के खूंटी इलाके में तैनात किया गया है।
जन
धन
खातों
के
जरिए
काला
धन
सफेद
कराने
की
फिराक
में
नक्सली
17
अक्टूबर
से
तैनात
किया
गया
झारखंड
के
सीआरपीएफ
आईजी
संजय
ए
लथकर
ने
बताया
कि
17
अक्टूबर
को
पहली
बार
महिला
कमांडों
की
कंपनी
को
तैनात
किया
गया
है।
इन
कमांडो
ने
नक्सल
विरोधी
ऑपरेशन
शुरु
कर
दिया
है।
हमें
पर्याप्त
ट्रेनिंग
मिली
है-
महिला
कमांडो
सीआरपीएफ
कमांडो
नीरजा
पांडे
का
कहना
है
कि
महिलाएं
बहादुर
हैं,
और
वह
पहली
बार
रांची
के
जंगलों
में
नक्सलियों
के
खिलाफ
अभियान
चला
रही
हैं।
हमें
सीआरपीएफ
ट्रेनिंग
अकादमीं
काफी
ट्रेनिंग
दी
गई
है।
पांडे
ने
कहा
कि
महिला
कमांडो
के
आने
से
नक्सल
प्रभावित
इलाकों
में
ऑपरेशन
काफी
तेज
हो
गया
है।
भारत के लिए बड़ा खतरा बन कर उभर रही है सीपीआई - माओवादी
पुरुषों
की
ट्रेनिंग
मिली
है
इन
कमांडो
को
आईजी
संजय
ए
लथकर
ने
बताया
कि
महिलाएं
किसी
से
भी
कम
नहीं
हैं
और
उन्हें
पुरुषों
की
ही
तरह
की
ट्रेनिंग
दी
जा
रही
है।
वह
पुरुषों
की
तरह
नक्सलियों
से
लोहा
लेने
में
सक्षम
हैं।
डेल्टा
कंपनी
कमांडर
शक्ति
तिर्के
का
कहना
है
कि
हम
हम
देश
की
सेवा
करना
चाहते
थे
और
इसीलिए
हम
यहां
आएं
हैं।
हम
नक्सलवाद
को
जड़
से
उखाड़
फेंकना
चाहते
हैं,
यह
ना
सिर्फ
लोगों
के
घातक
है
बल्कि
देश
के
विकास
में
बाधक
है।
महिला
कमांडो
कारगर
सीआरपीएफ
के
डीआईजी
जीवीएच
गिरी
प्रसाद
ने
कहा
कि
कई
मौकों
पर
महिला
कमांडो
काफी
कारगर
साबित
होती
हैं।
महिला
नक्सलियों
से
महिला
कमांडो
काफी
कारगर
रुप
से
सामना
करती
है,
ऐसे
में
महिला
और
पुरुष
कमांडो
में
कोई
भी
भेद
नहीं
है।