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'साहब कुछू मदद नाहीं मिली अबै तक, सब बहि गवा'

By हिमांशु तिवारी आत्मीय
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जी हां, एक छोटे से तिरपाल ( मजबूत प्लास्टिक का एक टुकड़ा) के नीचे जिंदगी बसर करने को मजबूर लोगों के पास जब वन इंडिया की टीम पहुंची तो जवाब कुछ इसी अंदाज में मिला।

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बाराबंकी जनपद के अंतर्गत आने वाले रामनगर विधानसभा के कुछ गांव जैसे कि ढेकवा, घुटरू, सिरौली गुंग, टेपरा, तेलवारी आदि कई गांव जो कि घाघरा नदी के बढ़े हुए जलस्तर की वजह से डूब गए हैं। रहने का ठिकाना पानी ने छीन लिया और खाने का कोई आसरा नहीं है। पीड़ित लोग अपनी जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं।

कहां है जिम्मेवार प्रशासन ?

हजारों बीघा फसल बर्बाद हो चुकी है, मवेशियों को बांधने का कोई ठिकाना नहीं है। और छोटे छोेटे बच्चे प्लास्टिक की पॉलिथीन ओढ़कर रास्तों पर खड़े होकर अपने घर की ओर निहार रहे हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक उन्हें प्रशासन की ओर से कुछ भी मदद नहीं मिली। हां डीएम साहब आए तो लेकिन लोगों की दिक्कतों को देखकर फिर वापस चले गए। कुछ लोगों को तिरपाल मिल गया। और बाकी खुले आसमां में दिन काट रहे हैं।

डूब गए स्कूल !

बढ़ते जलस्तर की वजह से गांव के प्राथमिक स्कूल डूब चुके हैं। गांव वालों के मुताबिक बंधे के ऊपर ही कभी कभी बच्चों को पढ़ाया जाता है। हालत बद्तर हो चुके हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं है। बाढ़ पीड़ितों का यह भी कहना है कि ग्राम्य विकास मंत्री उनके क्षेत्र से ही विधायक चुने गए, जिसके बाद उन्हें सपा सरकार में मंत्री पद दिया गया। पर, न तो बाढ़ से प्रभावित हुए लोगों के हालचाल जानने कोई आया न ही किसी किस्म की मदद ही पहुंचाई गई।

बाढ़ पीड़ितों के पास पहुंची 'राजनीति'

उत्तर प्रदेश में आगामी 2017 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी के रामनगर विधानसभा से प्रत्याशी के रूप में देखे जा रहे भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता रामबाबू द्विवेदी बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे। जहां पर उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री देने का काम किया। हालांकि कई लोगों को राहत सामग्री न मिल पाने की वजह से लोग नाराज भी हुए। पर, कई लोगों के लिए वह मदद डूबते को तिनके के सहारा बन गई।

सड़कें टूटी, रास्तों में बड़े बड़े गड्ढ़े

पानी के तेज बहाव की वजह से बाढ़ वाले क्षेत्र में कई जगहों पर सड़कें टूट कर बाढ़ के साथ बह गई हैं। जबकि लोहिया ग्राम के अंतर्गत आने वाले सिरौली गुंग गांव की सड़क पर कुछ जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। जब वन इंडिया की टीम लोहिया ग्राम सिरौली गुंग में विकास का जायजा लेने पहुंची तो हालत देखकर शासन प्रशासन की नाकामी के तमाम सबूत मिले। स्थानीय निवासी रमन तिवारी ने बताया कि हर वक्त लोग बाढ़ के डर से घरों में घुसे रहते हैं। आवागमन के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। बाढ़ से राहत के लिए ग्रामीणों को किसी भी तरह की मदद नहीं की गई है।

मजबूर हैं कि पलायन भी नहीं कर सकते !

सवाल ये है कि कब तक लोग बाढ़ की भयानक समस्या से जूझते रहेंगे। चारो ओर पानी की वजह से बीमारियों के पनपने की आशंका भी है। लेकिन मदद के नाम पर लोगों के हाथ खाली हैं। जरूरत है कि लोगों को गंदगी से पनपने वाली बीमारियों से बचने के लिए पहले से उपाय किए जाएं। हालांकि मौजूदा स्थितियों को देखते हुए तो लग नहीं रहा कि सरकार को किसी भी तरह से फर्क पड़ रहा है, वक्त चलते सचेत हो जाना जरूरी है।

कई लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं

अन्यथा...क्या होगा, किस हद तक लोगों की समस्याएं बढ़ जाएंगी इसे बारे में सोचकर ही लोग खुद में सिमट जाते हैं। इन तमाम तरह की दिक्कतों के चलते गांव से कई लोग शहरों की ओर पलायन भी करने लगे हैं। पर, एक बड़ा वर्ग जो आर्थिक तौर पर मजबूत नहीं है...वह दिक्कतों का सामना कर वहीं जीने को मजबूर है। बाढ़ में हर बार लोगों का घर बह जाता है और फिर लोग मशक्कत कर उसे बनाते हैं। हजारों बीघा फसल नष्ट हो जाती है और लोग टुकड़े टुकड़े को मुहताज हो जाते हैं।

बाढ़ से हालत खराब

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English summary
Floods hits life in Barabanki Uttar Pradesh, People are upset with State SP Government.
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