सूखे की मार झेलने वाले मराठवाड़ा में बाढ़ की स्थिति भयावह, फसल नष्ट
मुंबई। सूखे की मार झेलने वाला मराठवाड़ा इन दिनों अत्यधिक बारिश होने की वजह से परेशान है। यहां के कई इलाकों में तो बाढ़ आ गई हैं। ग्रस्त लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ की टीमों को बुलाना पड़ा है।
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यहांं सितम्बर के तीसरे हफ्ते भारती बारिश हुई। इसमें ये कुछ क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए -
- बीड
- लातूर
- उस्मानाबाद
- परभणी
- हिंगोली
- नांदेड
6 साल बाद बिगड़ी स्थिति
मौसम विभाग ने तो देश के बाकी हिस्सों से मानसून विदा होने की बात कह दी है लेकिन मराठवाड़ा में बारिश बीते दो दिनों से फिर तेज हो गई है। यहां के मांजरा व मांजलगांव बांधों में पानी इतना ज्यादा हो गया है कि इसे छोड़ना पड़ा। यह स्थिति 2010 के बाद पहली बार हुई है।
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फसल को हुआ भारी नुकसान
बारिश की अधिकता की वजह से नांदेड, उस्मानाबाद, बीड व लातूर आदि जिलों में खरीफ की फसल को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। बांध का पानी छोड़े जाने की वजह से आगामी कुछ दिनों तक यहां बाढ़ जैसी स्थिति बनी रह सकती है।
लातूर फिर है बड़ी मुसीबत में
एक तरफ अप्रैल-मई में जिस लातूर में सूखा पड़ा था और वहां रेलवे कोच में पानी पहुंचाया गया, आज वहां सामान्य से कई गुणा अधिक बारिश हुई है। यहां औसत 725.3 मिमी की बजाय 949.6 मिमी रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है।
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कभी था सूूखा, आज है लबालब
आपको मालूम हो कि महाराष्ट्र का मराठवाड़ा बीते पांच सालों से सूखे की चपेट में था। यहां इन पांच वर्षों में से तीन वर्षों में 30 फीसदी कम बारिश दर्ज हुुई। 95 फीसदी तक बांध सूख गए थे। यहां तक कि पीने के पानी तक की किल्लत थी।
किसानों कुछ वर्षों के लिए निश्चिंत
हालांकि, अब बारिश की वजह से बांधों में इतना पानी स्टोर हो चुका है कि किसान अगले कुछ वर्षों के लिए निश्चिंत हो गए हैं। कई इलाकों में भू-स्तर सामान्य हो गया है।