क्विक अलर्ट के लिए
For Daily Alerts
#Tripletalaqverdict: जानिए उन 5 जजों के बारे में, जिन्होंने सुनाया ऐतिहासिक फैसला
नई दिल्ली। आज देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन तलाक के मसले पर अहम फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने तीन तलाक को अवैध करार देते हुए कहा है कि केंद्र सरकार 6 महीने के अंदर संसद में इसको लेकर कानून बनाए। सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायधीश जे.एस. खेहर के नेतृत्व में 5 जजों की पीठ ने अपना फैसला सुनाया।
#Tripletalaqverdict:तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें
Recommended Video
Triple
Talaq
case
5
Judges
of
5
Fatihs,
Know
Full
detail
।
वनइंडिया
हिंदी
आइए इस ऐतिहासिक फैसले को अंजाम देने वाले उन 5 जजों के बारे में विस्तार से जानते हैं जो कि अलग-अलग मजहब से हैं....
मुख्य न्यायधीश जे.एस. खेहर
- जे.एस. खेहर सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले देश के पहले चीफ जस्टिस हैं।
- खेहर. देश के 44वें चीफ जस्टिस हैं।
- 2011 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे और इसी 27 अगस्त को रिटायर होने वाले हैं।
- अपने रिटायरमेंट से ठीक पहले खेहर ने इस अहम मुद्दे पर अपना फैसला सुनाकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया है।
- ये केरल से ताल्लुक रखते हैं और क्रिश्चिएन हैं।
- इन्होंने 1979 में केरल हाई कोर्ट में वकालत शुरू की थी।
- 2000 में केरल हाई कोर्ट के जज बने।
- ये हाई कोर्ट में दो बार कार्यकारी चीफ जस्टिस रह चुके हैं।
- 2010-13 के दौरान हिमाचल प्रदेश के चीफ जस्टिस रहे।
- आठ मार्च, 2013 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने।
- कुरियन 29 नवंबर 2018 में रिटायर होंगे।
- रोहिंग्टन फली नरीमन पारसी हैं।
- 1956 में जन्मे नरीमन महज 37 साल की उम्र में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर काउंसल बनकर इतिहास रचा था क्योंकि इस पोस्ट पर 45 साल का ही व्यक्ति बैठ सकता था लेकिन जस्टिस वेंकटचेलैया ने फरीमन के लिए नियमों में संशोधन किया था।
- एस अब्दुल नजीर मुस्लिम हैं।
- 1958 में जन्मे जस्टिस नजीर ने 1983 में कर्नाटक हाई कोर्ट में वकालत शुरू की थी।
- 2003 में कर्नाटक हाई कोर्ट के अतिरिक्त जज बने और उसके अगले ही साल स्थायी जज बने।
- इसी साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए।
- जस्टिस उदय उमेश ललित हिंदू हैं।
- 1957 में जन्मे जस्टिस ललित ने 1983 में बांबे हाई कोर्ट से वकालत शुरू की थी।
- अप्रैल, 2004 में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट बने।
- 2जी मामले में सीबीआई की तरफ से विशेष अभियोजक रहे।
- 2014 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने।
- 2022 में रिटायर होंगे।
जस्टिस कुरियन जोसफ
रोहिंग्टन फली नरीमन
जस्टिस एस अब्दुल नजीर
जस्टिस उदय उमेश ललित
English summary
The Supreme Court struck down on Tuesday the controversial Islamic divorce practice of instant triple talaq, saying it was arbitrary and against the tenets of Islam. Here is a brief profile of the judges.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें