भाजपा को झटका, लगातार दूसरी हार से निराशा का माहौल
नई दिल्ली। हाल ही में दमन और दीव में हुए दीव नगर निगम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके बाद पार्टी को दोबारा एक बड़ा झटका लगा है। लगातार दूसरी हार से पार्टी के निराशा का माहौल छा गया है। आइए जानते हैं ऐसा क्या हुआ है, जिससे भाजपा को नुकसान हुआ है।
दीव जिला पंचायत की सत्ता गई
दीव नगर निमग चुनाव में भाजपा की हार के बाद इस हफ्ते की शुरुआत में ही दीव जिला पंचायत अध्यक्ष समेत कुल 5 लोगों ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इस सामूहिक इस्तीफे का असर यह हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी की जिला पंचायत की सत्ता उनके हाथ से चली गई है। दीव जिला पंचायत में भाजपा के कुल सात सदस्य थे और अब 5 सदस्यों के इस्तीफे के बाद सिर्फ 2 सदस्य ही बचे हैं। 2015 में जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने 7 सीटें जीती थीं, जबकि एक स्वतंत्र उम्मीदवार जीता था। वहीं कांग्रेस के हाथ कुछ नहीं लगा था।
स्वीकार नहीं हुआ है इस्तीफा
इस्तीफा देने वाले 5 सदस्यों में दीव जिला पंचायत अध्यक्ष शशिकांत सोलंकी, उपाध्यक्ष अश्विनी बामनिया, जिला पंचायत सदस्य पूजा पंजानी, धनीबेन सोलंकी और जेंतीलाल सोमालाल हैं, जिन्होंने सोमवार को दीव प्रदेश अध्यक्ष बिपिन शाह को अपना इस्तीफा दे दिया है। बिपिन शाह ने इन इस्तीफों को दमन और दीव इकाई के प्रमुख गोपाल टंडेल को भेज दिया है। हालांकि, टंडेल ने कहा है कि अभी तक इन लोगों के इस्तीफों को मंजूर नहीं किया गया है और जल्द ही इस मामले को सुलझा दिया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने स्वीकारी हार, दिया इस्तीफा
इन 5 लोगों का इस्तीफा होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष बिपिन शाह ने इस हार की जिम्मेदारी अपने सिर लेते हुए इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी के तहत दिया है। दीव नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने कुल 13 में से 10 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा को इस चुनाव में सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली थी। जिस दिन इन चुनावों के नतीजे आए थे, उसी दिन हार की जिम्मेदारी लेते हुए और नैतिक कृतव्य की बात करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष किरित वजा ने इस्तीफा दे दिया था।