भारतीय नौसेना को मिली दुनिया की सबसे घातक सबमरीन, नाम है INS कलावरी
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नई दिल्ली। लंबे इंतजार के बाद गुरुवार को भारतीय नौसेना को पहली स्कॉर्पीन पनडुब्बी, INS कलावरी सौंप दिया गया। दुनिया की सबसे घातक पनडुब्बी में से एक माने जाने वाली आईएनएस कलवारी के मिलने से नौ सेना की समुद्र में ताकत बढ़ जाएगी। भारतीय नौसेना को यह पनडुब्बी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने सौंपा। बता दें कि भारत ने ऐसी 5 और पनडुब्बियों को नौ सेना में शामिल करने का फैसला किया जिनमें दो और पनडुब्बियों 'खंडेरी' और 'करंज' का परीक्षण अभी जारी है।
पानी के अंदर उड़ाएगी दुश्मनों के होश
कलवारी डीजल और इलेक्ट्रिक सबमरीन है। इसमें लगे हथियार दुश्मन पर सटीक हमला कर उसे पस्त करने की ताकत रखते हैं। टॉरपीडो के साथ हमलों के अलावा इससे पानी के अंदर भी हमला किया जा सकता है। साथ ही सतह पर पानी के अंदर से दुश्मन पर हमला करने की खासियत भी इसमें है। यह डीजल और इलेक्ट्रिक दोनों ही ताकतों से लैस है। इस पनडुब्बी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे किसी भी तरह की जंग में ऑपरेट किया जा सकता है। इस पनडुब्बी में ऐसे कम्युनिकेशन मीडियम लगाए गए हैं कि दूसरी नेवल टास्क फोर्स के साथ आसानी से कम्युनिकेट किया जा सके।
कलवारी नाम एक मछली से लिया गया
आईएनएस कलवारी को पिछले साल सितंबर में ही नेवी को सौंपा जाना था, लेकिन ट्रायल में देरी के चलते इसकी डेडलाइन टालनी पड़ी। भारत ने ऐसी 6 सबमरीन का ऑर्डर दिया था, कलवारी इसमें पहली है। आईएनएस कलवारी को फ्रांस की कंपनी DCNS के साथ मिलकर मुंबई स्थित मझगांव डॉकयार्ड में तैयार किया गया है। आईएनएस कलवारी नाम एक प्रकार की शार्क मछली से लिया गया है। इस मछली को टाइगर शार्क कहते हैं।
INS सिंधुघोष की लेगी जगह
स्कॉर्पीन पनडुब्बी पुरानी पनडुब्बियों की जगह लेगी। भारत के पास जो सिंधुघोष और शिशुकुमार पनडुब्बी है वो 30 साल पूरानी हो चुकी है। चीन की बढ़ती ताकतों के चलते भारत लगातार अपनी सुरक्षा को बढ़ाने में लगा है। हाल ही में भारतीय सेना के एक अधिकारी ने बताया था कि चीन की युआन क्लास की पनडुब्बी हिंद महासागर में प्रवेश कर गई थी। ऐसे में इंडियन नेवी के लिए स्कॉर्पियन क्लास पनडुब्बी बहुत बड़ी ताकत बनकर उभरेगी।