क्या आपने पढ़ी आतंकी हमले में मारे गए पुलिस अधिकारी डार की कविता, 'कब्र में मेरी पहली रात'
अनंतनाग। शुक्रवार को लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकवादियों ने अनंतनाग में एक पुलिस टीम पर हमला किया जिसमें छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इन छह पुलिस कर्मी में स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) फिरोज अहमद डार भी शहीद हो गए। शनिवार को इन सभी जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
डार की बच्चे वाली फोटो वायरल
डार की एक फोटो सोशल मीडिया पर काफी शेयर हो रही है जिसमें वह एक बच्चे को गोद में उठाए हैं। यह बच्चा दरअसल डार का ही बेटा है और अब उसे इस बात का भी अंदाजा नहीं है कि उसके पिता इस दुनिया में नहीं हैं। डार की फेसबुक वॉल पर अगर आप नजर डालेंगे तो आपको एक कविता उनकी वॉल पर नजर आएगी। डार ने इस कविता को वर्ष 2013 में लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था, 'क्या आप कभी कुछ देर के लिए रुके और आपने खुद से एक सवाल किया है कि मेरे साथ कब्र में पहली रात क्या होगा।' डार ने उन परिवार वालों के बारे में भी लिखा जो अपने किसी करीबी के कब्र में जाने के बाद रोएंगे।
चेहरे पर बरसाईं गोलियां
एसएचओ फिरोज डार ने देश के लिए बड़ा बलिदान किया है। आतंकियों ने उनके चेहरे पर गोलियां बरसाईं थीं। इन आतंकियों की तलाश के लिए पुलिस ने सर्च ऑपरेशन लॉन्च किया था। वहीं शुक्रवार को सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की एक टीम की ओर से हुए ज्वॉइन्ट ऑपरेशन में लश्कर के कमांडर जुनैद मट्टू समेत दो आतंकियों की मौत हो गई। शनिवार को सेना ने इस आतंकियों का शव बरामद कर लिया है। वहीं दूसरी ओर कश्मीर के सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है । यह कदम घाटी में भड़की हिंसा को देखते हुए उठाया गया है।