नोएडा में मॉल से घर लौट रही महिला पत्रकार से बीच राह छिनैती की कोशिश
'उन युवकों ने बैग छीनने की आखिरी कोशिश की और तेजी से झपटे। मैंने अपना बैग तो बचा लिया लेकिन खुद नीचे गिर पड़ी और रिक्शा मेरे ऊपर आ गया।'
नई दिल्ली। नोएडा में एक महिला पत्रकार से छिनैती की कोशिश का मामला सामने आया है। घटना 21 फरवरी को रात करीब 9:30 बजे नोएडा के सेक्टर 26 के पास घटी जब वक्त सेक्टर 18 के पास स्थित एक मॉल से घर लौट रही थीं। रिक्शे में सवार महिला पत्रकार के पीछे बाइक सवार दो युवक आए और उन्होंने उनका बैग छीनने की कोशिश की।
'...ताकि
रिक्शे
से
कूदकर
खुद
को
बचा
सकूं'
DailyO
पर
घटनाक्रम
घटना
का
जिक्र
करते
हुए
श्यूली
घोष
ने
लिखा,
'मैंने
साइकिल
रिक्शा
इसलिए
नहीं
किया
था
कि
पैसे
बच
जाएंगे,
बल्कि
रोजाना
सामने
आ
रही
छेड़छाड़
और
कैब-ऑटो
वालों
की
मनमानी
से
डर
कर
किया
था।
ताकि
अगर
कुछ
बुरा
होता
है
तो
मैं
रिक्शे
से
कूदकर
खुद
को
बचा
तो
सकती
हूं।'
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बैग
बचाने
की
कोशिश
में
सड़क
पर
गिर
पड़ी
उन्होंने
आगे
कहा,
'हम
गोटल
फॉर्च्यून
इन
ग्रेजिया
के
पास
पहुंचे
थे,
जो
सेक्टर
26
में
उस
जगह
से
100
मीटर
की
दूरी
पर
है
जहां
मैं
रहती
हूं।
अचानक
बाइक
सवार
दो
युवक
रिक्शे
की
तरफ
आए
और
मैरा
बैग
खींचने
की
कोशिश
करने
लगे।
उनमें
से
एक
ने
मैरा
बैग
खींचा
और
दूसरे
ने
बाइक
की
रफ्तार
बढ़ाई।
मैंनें
अपना
बैग
कसकर
पकड़े
रखा
और
मदद
के
लिए
चिल्लाई।
रिक्शेवाले
ने
भी
तेजी
से
पैडल
मारने
शुरू
किए।
इस
सब
के
दौरान
में
रिक्शे
से
लगभग
आधी
बाहर
लटक
रही
थी।
एक
हाथ
से
रिक्शे
को
पकड़े
और
दूसरे
हाथ
से
बैग
को
बचाने
की
कोशिश
करती
रही।
करीब
दो
मिनट
तक
यह
सब
चला।
उन
युवकों
ने
बैग
छीनने
की
आखिरी
कोशिश
की
और
तेजी
से
झपटे।
मैंने
अपना
बैग
तो
बचा
लिया
लेकिन
खुद
नीचे
गिर
पड़ी
और
रिक्शा
मेरे
ऊपर
आ
गया।'
'उस
दिन
ऐसी
यह
चौथी
घटना
थी'
श्यूली
ने
आगे
लिखा,
'इस
पूरे
घटनाक्रम
के
दौरान
मैंने
अपना
बैग
तो
बचा
लिया
लेकिन
उन
लोगों
की
न
तो
शक्ल
देख
पाई
न
ही
गाड़ी
का
नंबर।
बस
एक
चीज
नोटिस
की
कि
एक
लड़के
ने
पीली
चेक
शर्ट
पहन
रखी
थी।
कुछ
लोग
मुझे
उठाने
के
लिए
आए
और
मुझे
पानी
दिया।
उनमें
से
एक
शख्स
मुझे
अस्पताल
भी
ले
गया।
रास्ते
में
उसने
जो
कहा
वह
सुनकर
मैं
हैरान
थी।
उसने
कहा-
'यहां
ऐसा
कभी
नहीं
होता।'
इस
बात
से
मुझे
गहरा
झटका
लगा।
कैलाश
हेल्थकेयर
अस्पताल
के
स्टाफ
ने
मुझे
बताया
कि
उस
दिन
ऐसा
यह
चौथा
केस
था।'
उन्होंने लोगों से सड़कों और कानूनी एजेंसियों पर भरोसा मत करें। मैंने अपना सबक सीख लिया है। रोजाना सरेआम क्राइम की खबरें आ रही हैं। लोगों की जिंदगी दांव पर लगी है।