देश के गद्दारों संग मिलकर कश्मीर में लैंडमाइन बिछा रहे आतंकवादी
[ऋचा बाजपेयी] पिछले करीब तीन माह से जम्मू और पूरी कश्मीर घाटी में अशांति का माहौल बना हुआ है। सीमा पर लगातार फायरिंग और आतंकी घुसपैठ के बीच ही एक ऐसी खबर है जो वाकई सेना और देश के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। कश्मीर में अब सेना के विरोधियों ने आतंकवादियों के साथ मिलकर सेना को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचाने के मकसद से एक खतरनाक साजिश रची है। इस नई साजिश के अंतर्गत आतंकवादियों के साथ मिलकर हमारे ही देश में रह रहे गद्दार घाटी में आईडी और लैंडमाइन बिछाने का काम कर रहे हैं।
लैंडमाइन और आईडी बिछाने का काम अक्सर नक्सली करते आये हैं। इस प्लान के तहत पैरामिलिट्री फोर्स और सेना को चोट पहुंचाते थे उसी प्लान को कश्मीर घाटी में आतंकी पूरा करने की फिराक में लग गए हैं। सेना के खिलाफ रहने वाले लोगों के साथ मिलकर यह आतंकी उन रास्तों पर लैंडमाइंस और आईडी बिछा रहे हैं जहां सेना के जवान गश्त करने के लिए निकलते हैं।
एक बड़े सेना अधिकारी की मानें तो साफ है कि कहीं न कहीं सीमा पार से सेना को कमजोर करने के लिए एक बड़ी योजना पर काम हो रहा है। फिलहाल सेना की ओर से इन इलाकों में आईडी और लैंड माइंस को डिफ्यूज करने का काम शुरू कर दिया गया है।
आज भी कारगिल में मौजूद हैं लैंडमाइंस
आपको बता दें कि वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान पाक ने द्रास, बटालिक, तोलोलिंग, टाइगर हिल्स और कई इलाकों में आईडी और लैंडमाइंस प्लांट की थीं। सेना के काफी प्रयासों के बाद भी सारी लैंडमाइंस खोजी नहीं जा सकी हैं। आज भी भारी संख्या में लैंडमाइंस कारगिल के कई इलाकों में मौजूद हैं।
कारगिल में तैनात सेना के अधिकारियों के मुताबिक गश्त करते समय सेना को एक-एक कदम फूंक फूंक कर रखना पड़ता है। इन लैंडमाइंस पर अगर गलती से पैर भी पड़ जाए तो बस चंद सेकेंड्स के अंदर ही किसी के भी चिथड़े उड़ सकते हैं।
लेकिन सेना के इरादे मजबूत
सेना के इरादे इन सबके बावजूद मजबूत हैं। सेना की मानें तो इन सबके बाद भी वह मुस्तैद है और एक-एक सैनिक हर पल सीमा और देश की रक्षा में तैनात है। आतंकी चाहे जितनी कोशिश कर लें लेकिन इसके बाद भी वह आतंकियों का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।