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राज्यसभा चुनाव: क्या है सीटों का गणित, भाजपा के लिए कैसे हो सकती है मुश्किल, जानिए

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नई दिल्ली। शुक्रवार यानि 23 मार्च का दिन देश की राजनीतिक पार्टियों के लिए बड़ा दिन साबित होने वाला है। इस दिन राज्यसभा चुनावों के मतों की गिनती होने वाली है। इस चुनाव के बाद राज्यसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या में और इजाफा हो जाएगा। इस समय भाजपा की 21 राज्यों में अकेले या फिर गठबंधन की सरकार है। 15 राज्यों में उनके मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में भाजपा इन चुनावों शानदार जीत हासिल करने वाली है। पिछले साल अगस्त में भाजपा राज्यसभा में सबसे बड़ी बन गई थी। इन चुनावों के उसके सांसदों की संख्या में 29 सांसद और जुड़ जाएंगे। हालांकि कि सदस्यों की संख्या में इजाफा होने के बावजूद वह उपरी सदन में बहुमत से फिर भी दूर रहेगी।

उत्तर प्रदेश में 10 सीटों के लिए चुनाव

उत्तर प्रदेश में 10 सीटों के लिए चुनाव

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 10 सीटों के लिए चुनाव होना है। जिसमें भाजपा के 8 सांसदों का चुना जाना तय है। यूपी में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 37 वोट चाहिए। भाजपा के पास 403 सदस्यों वाली विधानसभा में 311 एमएलए हैं। एक सांसद को चुनने के लिए 37 विधायकों की आवश्यकता होती है। यूपी में समाजवादी पार्टी अपना एक सांसद राज्यसभा में भेजने में सफल रहेगी। फिलहाल सपा के पास 47 विधायक हैं। एक सांसद चुनने के बाद भी उनके पास उसके दस वोट बचते हैं। हाल ही में राज्य में बदले राजनीतिक समीकरणों के बाद माना जा रहा है कि सपा बसपा के प्रत्याशी का समर्थन करेगी। एसपी और कांग्रेस के समर्थन से बीएसपी के उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर का जीतना तय माना जा रहा है। यूपी में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 37 वोट चाहिए। बीएसपी के 19 विधायक हैं और उसे 18 और चाहिए। कांग्रेस के सात और आरएलडी के एक विधायक का वोट मिला कर बसपा उम्मीदवार की जीत तय है। जबकि बीजेपी के पास अपने उम्मीदवारों को जिताने के बाद 28 वोट बचते हैं। अगर चार निर्दलीयों का समर्थन मिले और कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग करें तो बीजेपी नौवीं सीट भी जीत सकती है।

बिहार में 6 सीटों के लिए होगा चुनाव

बिहार में 6 सीटों के लिए होगा चुनाव

बिहार में यूपीए और एनडीए अपने अपने तीन सदस्य राज्यसभा भेजने के योग्य हैं। यहां पर कुल 6 सीटों के लिए मतदान होगा। यहां पर एक सांसद के लिए कुल 35 वोटों की आवश्यकता पड़ेगी। लालू यादव की राजद के पास 80 एमएलए हैं तो वहीं जेडीयू के पास 71 एमएलए हैं। दोनों ही पार्टियां अपने दो-दो सदस्यों के राज्यसभा आसानी से भेज सकती हैं। वहीं बीजेपी के पास 53 एमएलए हैं। जो एक सदस्य को राज्यसभा भेजेगी। तो वहीं कांग्रेस के पास 27 विधायक है जो राजद के सहयोग से एक सदस्य को राज्यसभा भेजेगी।

महाराष्ट्र में भी राज्यसभा की 6 सीटें खाली

महाराष्ट्र में भी राज्यसभा की 6 सीटें खाली

महाराष्ट्र में भी राज्यसभा की 6 सीटें खाली हैं। यहां पर एक सांसद के चुनने के लिए कम से कम 42 विधायकों की आवश्यकता होती है। भाजपा यहां से अपने 2 सांसद और शिवसेना 1 सांसद उपरी सदन में भेजेगी। अगर भाजपा और शिवसेना ने एक साथ आ जाए तो एक सांसद और राज्यसभा पहुंच जाएगा। वहीं कांग्रेस यहां से एक सदस्य राज्यसभा भेजने में समर्थ है। वहीं एनसीपी एक निर्दलीय विधायक के गठजोड़ से अपना एक सांसद राज्यसभा में भेजेगी। महाराष्ट्र में शिवसेना ने अनिल देसाई को फिर मैदान में उतारा है जबकि एनसीपी ने वंदना चव्हाण को फिर मौका दिया है।

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल:

राज्य में राज्यसभा के लिए 5 सीटें खाली हुई हैं। एक सांसद को चुनने के लिए यहां पर 50 एमएलए की जरूरत पड़ेगी। टीएमसी के राज्य में 213 एमएलए हैं। इस आधार पर उसके 4 सदस्य राज्यसभा के लिए चुने जाएंगे। कांग्रेस के पास 42 एमएलए हैं उसे 13 एमएलए की और जरूरत है। इस लिए उसे टीएमसी या फिर सीपीआई(एम) से गठबंधन करना होगा।

गुजरात
यहां पर राज्यसभा की 4 सीटे खाली हुई हैं। एक सांसद को चुनने के लिए यहां पर 37 एमएलए की जरूरत पड़ेगी। भाजपा के पास 99 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 78 एमएलए हैं। इस आधार पर दोनों पार्टियां अपने 2-2 सांसदों को उपरी सदन भेजेंगी।

कर्नाटक

कर्नाटक

कर्नाटक में भी राज्यसभा की चार सीटों पर चुनाव होना है। यहां पर एक सांसद को चुनने के लिए 46 एमएलए की जरूरत पड़ेगी। कांग्रेस के पास यहां 124 विधायक हैं। इस आधार पर वह दो सांसदों को आराम से उपरी सदन भेज सकती है। वहीं भाजपा भी एक सांसद को उपरी सदन भेजने में सक्षम है। वहीं कांग्रेस अपने बचे हुए विधायकों की मदद से जेडी(एस) के बागी सदस्य को राज्यसभा भेजेगी।

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में राज्यसभा की पांच सीटें खाली हुई हैं। यहां पर एक सांसद को चुनने के लिए 39 एमएलए की जरूरत पड़ेगी। इस आधार पर भाजपा 4 सदस्यों को राज्यसभा भेजने में सक्षम है। वहीं कांग्रेस के पास 58 एमएलए हैं जिस आधार पर वह 1 सदस्य उपरी सदन भेजेगी।

ओडिशा

यहां पर राज्यसभा की तीन सीटें खाली हुई है। यहां पर एक सांसद को चुनने के लिए यहां पर 37 एमएलए की जरूरत पड़ेगी। बीजेडी के 118 विधायक हैं। इस आधार पर तीनों सीटें बीजद के पाले में जाएंगी।

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश

तेलंगाना:
यहां पर भी राज्यसभा की तीन सीटें खाली हुई हैं। राज्य में सत्तासीन टीआरएस के पास 91 विधायकों का बहुमत है। इस आधार पर तीनों सीटें टीआरएस के खाते में जाएंगी। तेलंगाना से टीआरएस ने जे संतोष कुमार, बी प्रकाश मुदिराज और बी लिंगैया यादव को टिकट दिया है। कांग्रेस के पास 12 विधायक थे। जिसमें दो एमएलए की मौत हो गई है। सात ने टीआरएस में शामिल हो गए थे। जबकि दो अयोग्य करार दे दिया गया था।

आंध्र प्रदेश:

राज्य में तीन सीटे खाली हुई हैं। एक सांसद को चुनने के लिए यहां पर 44 एमएलए की जरूरत पड़ेगी। टीडीपी के पास 102 विधायक है। जिसके दम पर वह दो सांसदों को उपरी सदन आसानी से भेज देगी। वहीं वाईएसआर कांग्रेस के पास 67 विधायक हैं। जिसके आधार पर उनका एक सांसद राज्यसभा में बैठेगा।

झारखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश

झारखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश

झारखंड: प्रदेश में 2 सीटें उपरी सदन के लिए खाली हुई है। एक सांसद को चुनने के लिए यहां पर 28 एमएलए की जरूरत पड़ेगी। भाजपा के पास 43 एमएलए है, जिसके आधार पर एक सदस्य आसानी से राज्यसभा पहुंच जाएगा। वहीं एक सीटे के लिए भाजपा और जेएमएम में मुकाबला है। जेएमएम के पास 19 विधायक हैं।

राजस्थान: राज्य में उपरी सदन के लिए तीन सीटें खाली हुई हैं। यहां पर एक सांसद को चुनने के लिए 51 एमएलए की जरूरत पड़ेगी। सत्तासीन बीजेपी के पास 159 विधायक हैं। इस आधार पर तीनों सीटें भाजपा के पाले में जाएंगी।

हिमाचल प्रदेश: इस राज्य में उपरी सदन के लिए 1 सीट पर चुनाव होना है। एक सांसद को चुनने के लिए यहां पर 35 एमएलए की जरूरत पड़ेगी। भाजपा के पास 44 विधायक है जिसके आधार पर वह आसानी से एक सदस्य को राज्यसभा भेजेगी।

हरियाणा, केरल, उत्तराखंड और चंडीगढ़

हरियाणा, केरल, उत्तराखंड और चंडीगढ़

हरियाणा: यहां पर राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव होना है। एक सांसद को चुनने के लिए यहां पर 46 एमएलए की जरूरत पड़ेगी। भाजपा के पास 47 विधायक हैं। जिसके आधार पर वे आसानी से एक विधायक को राज्यसभा भेजेंगे।

केरल: यहां पर भी एक राज्यसभा सीट के लिए चुनाव होना है। एक सांसद को चुनने के लिए यहां पर 71 एमएलए की जरूरत पड़ेगी। सीपीएम के पास 90 विधायकों का समर्थन है। जिस आधार पर वह एक सदस्य को आसानी से उपरी सदन भेजने में सक्षम है।

उत्तराखंड: पहाड़ी राज्य में एक सीट के लिए राज्यसभा का चुनाव होना है। एक सांसद को चुनने के लिए यहां पर 36 एमएलए की जरूरत पड़ेगी। भाजपा के पास 57 विधायकों का समर्थन है। जिस आधार पर वह एक प्रत्याशी को आसानी से उपरी सदन भेजने में सक्षम है।

चंडीगढ़: इस केंद्र शासित राज्य में एक सीट के लिए चुनाव होना है। भाजपा के पास यहां पर 49 एमएलए है। इस आधार पर भाजपा के एक सदस्य का राज्यसभा जाना तय है।

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English summary
equation of rajya sabha election 2018 bjp congress Upper House election
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